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Politician Yogendra Chandolia Wikipedia: संगठन से संसद तक - भाजपा नेता योगेंद्र चंदोलिया की शानदार राजनीतिक यात्रा
Politician Yogendra Chandolia Wikipedia: योगेंद्र चंदोलिया भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और 18वीं लोकसभा में उत्तर-पश्चिम दिल्ली (अनुसूचित जाति आरक्षित) संसदीय क्षेत्र से सांसद के रूप में कार्यरत हैं।
Politician Yogendra Chandolia (Image Credit-Social Media)
Politician Yogendra Chandolia Wikipedia: उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सांसद और भाजपा के कर्मठ नेता योगेंद्र चंदोलिया का जीवन एक संघर्षशील कार्यकर्ता से जनप्रतिनिधि बनने की प्रेरक कहानी है। उन्होंने नगर निकाय राजनीति से शुरुआत कर संसद तक का सफर तय किया है। वर्तमान में योगेंद्र चंदोलिया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं और 18वीं लोकसभा में उत्तर-पश्चिम दिल्ली (अनुसूचित जाति आरक्षित) संसदीय क्षेत्र से सांसद के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 4 जून 2024 को सांसद पद की शपथ ली थी। इसके अतिरिक्त, वह दिल्ली भाजपा के प्रदेश महामंत्री (General Secretary) के पद पर भी कार्यरत हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
योगेंद्र चंदोलिया का जन्म 22 मई 1962 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री ओम प्रकाश चंदोलिया और माता स्वर्गीय श्रीमती पद्मावती एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिन्होंने पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक सेवा के संस्कार उन्हें बचपन से ही दिए। योगेंद्र का विवाह 8 फरवरी 1986 को मीना चंदोलिया से हुआ। जो न केवल उनके पारिवारिक जीवन की साथी रहीं बल्कि राजनीतिक जीवन में भी उनका भरपूर समर्थन करती रही हैं।
योगेंद्र चंदोलिया ने बी.ए. की शिक्षा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय से पूरी की। छात्र जीवन से ही उनके भीतर सामाजिक सरोकारों और जनसेवा की भावना थी जो उन्हें राजनीति की ओर खींच लाई।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
चंदोलिया का राजनीति से परिचय कॉलेज के दिनों में हुआ। उन्होंने छात्र राजनीति से सक्रिय भागीदारी ली और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से प्रेरित होकर युवा मोर्चा में सक्रिय हो गए। स्थानीय स्तर पर उनकी पहचान तब बनी जब उन्होंने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में देव नगर, करोल बाग़ जोन से नगर पार्षद के रूप में जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने कई बार पार्षद के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी।
स्थानीय निकाय में नेतृत्व
योगेंद्र चंदोलिया दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति (Standing Committee) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह निगम का सबसे शक्तिशाली और निर्णायक पद होता है, जिसके माध्यम से शहर के बजट, विकास कार्यों और नीति निर्माण में भागीदारी होती है। उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक दक्षता के चलते उन्हें दिल्ली के उत्तरी नगर निगम का मेयर भी चुना गया, जहां उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल पेश की।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भागीदारी
अपने राजनीतिक सफर को और आगे ले जाते हुए योगेंद्र चंदोलिया ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में करोल बाग सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि इन दोनों चुनावों में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार को चुनौती मानते हुए जनसंपर्क और संगठन में अपनी भूमिका को और भी प्रभावशाली बनाया। इन चुनावों के अनुभव ने उन्हें जमीनी राजनीति को और गहराई से समझने का अवसर दिया।
भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक भूमिका
योगेंद्र चंदोलिया दिल्ली भाजपा के प्रदेश महामंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। यह पद पार्टी के नीति-निर्धारण और कार्यान्वयन में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उनके नेतृत्व में दिल्ली प्रदेश भाजपा में संगठनात्मक मजबूती आई और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम हुआ।
18वीं लोकसभा में प्रवेश और ऐतिहासिक जीत
2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली (अनुसूचित जाति आरक्षित) सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी उदित राज को हराकर शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने कुल 8,66,483 वोट प्राप्त किए जबकि उदित राज को 5,75,634 वोट मिले। इस प्रकार योगेंद्र चंदोलिया ने 2,90,849 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। जो कि दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों में सबसे बड़ा जीत का अंतर था। यह जीत न केवल भाजपा के लिए महत्वपूर्ण थी बल्कि योगेंद्र चंदोलिया के राजनीतिक करियर में भी एक मील का पत्थर साबित हुई। क्योंकि यह उनका पहला लोकसभा चुनाव था और उन्होंने इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। यह जीत चंदोलिया के वर्षों के जमीनी संघर्ष और जनता के साथ उनके गहरे जुड़ाव का प्रमाण भी बनी।
संसदीय भूमिका
चंदोलिया ने 26 सितंबर 2024 से श्रम, कपड़ा और कौशल विकास संबंधी संसदीय समिति के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला है। यह समिति देश के श्रमिकों, टेक्सटाइल सेक्टर और स्किल डेवलपमेंट के मुद्दों पर कार्य करती है। वह इन विषयों को लेकर संसद में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं और खासकर शहरी गरीबों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की समस्याओं को उजागर कर रहे हैं।
सामाजिक सरोकार और जनसेवा
योगेंद्र चंदोलिया का राजनीतिक जीवन केवल सत्ता प्राप्ति तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल में सार्वजनिक समस्याओं जैसे पानी की आपूर्ति, सफाई, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, वृद्धजन कल्याण, नारी सुरक्षा आदि को प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने वार्ड में अनेक सामुदायिक भवनों, पार्कों, लाइब्रेरी और अस्पतालों के निर्माण के लिए पहल की। पार्षद रहते हुए उन्होंने स्लम इलाकों में बच्चों के लिए शैक्षणिक शिविर और स्वास्थ्य जांच अभियान भी चलवाए। उनकी छवि एक मिलनसार और जमीन से जुड़े नेता की है।
विवाद-मुक्त और पारदर्शी छवि
आज के समय में जब राजनीति का भरोसा गिर रहा है, योगेंद्र चंदोलिया जैसे नेता एक सकारात्मक उदाहरण हैं। उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है और उनके कार्यकालों में भ्रष्टाचार के किसी आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। यह विशेषता उन्हें अन्य राजनेताओं से अलग बनाती है और उनके समर्थकों के बीच उनकी साख को मजबूत करती है।
राजनीति में स्थायित्व और जनसंपर्क की ताकत
चंदोलिया का पूरा राजनीतिक सफर इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति बिना किसी राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि के केवल जनसेवा के बलबूते महानगर की सड़कों से संसद के गलियारों तक पहुंच सकता है। उनकी चुनावी रणनीतियां, कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और जनता से सीधे जुड़ाव उन्हें एक प्रभावशाली जननेता बनाते हैं। योगेंद्र चंदोलिया की राजनीतिक यात्रा संघर्ष, सेवा और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने स्थानीय निकाय से लेकर संसद तक अपनी सक्रियता से यह दिखाया है कि राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं बल्कि जनकल्याण का माध्यम हो सकती है।
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