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Relationship Closure: 'ब्रेकअप' के बाद क्या सच में कपल्स हो जाते हैं MOVE ON? यहां जानें

Relationship Closure: रिलेशनशिप में, ब्रेकअप के बाद एक्स पार्टनर को माफ करना एक जरूरी कदम हो सकता है, जिससे हम खुद को हील कर पाते हैं और आगे बढ़ने की ताकत पाते हैं।

Ragini Sinha
Published on: 9 July 2025 3:27 PM IST
Relationship Closure: ब्रेकअप के बाद क्या सच में कपल्स हो जाते हैं MOVE ON? यहां जानें
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Relationship Closure: किसी को माफ करना न सिर्फ दूसरों के लिए, बल्कि खुद के लिए भी जरूरी होता है। जब हम किसी को माफ करते हैं, तो हम अपने मन से गुस्से, दर्द और शिकायतों का बोझ उतारते हैं। खासकर रिलेशनशिप में, ब्रेकअप के बाद एक्स पार्टनर को माफ करना एक जरूरी कदम हो सकता है, जिससे हम खुद को हील कर पाते हैं और आगे बढ़ने की ताकत पाते हैं।

ब्रेकअप के बाद सच में मूव होना आसान

ब्रेकअप के बाद मूव ऑन करना आसान नहीं होता, लेकिन मुमकिन जरूर है। शुरुआत में दर्द, गुस्सा और खालीपन महसूस होना स्वाभाविक है, पर समय के साथ जब व्यक्ति खुद को समझना और प्यार करना शुरू करता है, तो धीरे-धीरे आगे बढ़ना आसान हो जाता है। एक्स को माफ करना और पुरानी यादों से बाहर निकलना इस सफर में मदद करता है। मूव ऑन करने का मतलब यह नहीं कि आप सब कुछ भूल जाएं, बल्कि यह है कि आप उन यादों को अपने जीवन की रुकावट न बनने दें। खुद को समय देना और सकारात्मक सोच अपनाना जरूरी है।


माफ करने से कैसे मिलता है सुकून?

जब कोई इंसान आपको धोखा देता है, या आपका दिल दुखाता है, तो उसे माफ करना आसान नहीं होता। लेकिन यदि आप उसे मन से माफ नहीं करते, तो वह इंसान आपके दिमाग में बसा ही रहता है। बार-बार उसकी यादें, बातें और किए गए बर्ताव आपको परेशान करते हैं। ऐसे में उसे दिल से माफ कर देने पर, आप उस इंसान को और उसके असर को अपने मन से बाहर कर पाते हैं। ये जरूरी नहीं कि आप फिर से उससे बात करें या दोस्ती करें। माफ करना एक भीतर से लिया गया फैसला होता है।

मेंटल हेल्थ में सुधार

माफ न कर पाने से मन में तनाव, चिंता और गुस्सा बना रहता है। इससे एंजायटी और डिप्रेशन तक हो सकता है। जब आप माफ करते हैं, तो एक तरह से अपने मन को शांति देने का काम करते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और आप खुलकर अपनी जिंदगी जी पाते हैं।


दिल की सेहत भी सुधरती है

हर वक्त दुख, गुस्सा और पछतावे का बोझ मन पर पड़े तो उसका असर शरीर पर भी होता है। ब्लड प्रेशर का बढ़ना-घटना, दिल की धड़कनों का तेज होना। ये सब उस गहरे तनाव की निशानी है, जो हम माफ न करने के कारण महसूस करते हैं। माफ कर देना इस बोझ से राहत दिलाता है।

खुद को चुनिए

याद रखिए... माफी देने का मतलब कमजोरी नहीं, बल्कि खुद से प्यार करना है। जब आप किसी को माफ करते हैं, तो आप खुद को दर्द से आजाद करते हैं।

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