Relationship News: सीरियस टॉपिक से क्यों बचते हैं मर्द? जानिए वो 8 वजहें जो उन्हें खुलकर बात करने से रोकती हैं

Relationship News: रिश्तों में खुलकर बातचीत करना सबसे जरूरी होता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि मर्द अपनी पार्टनर से खुलकर बात नहीं करते हैं, जिसके कारण दोनों के बीच दूरियां आ जाती है।

Ragini Sinha
Published on: 27 May 2025 5:18 PM IST
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Why Men Avoid Serious (social  media)

Relationship News: रिश्तों की मजबूती का सबसे बड़ा आधार है खुलकर और ईमानदारी से बातचीत करना, लेकिन अक्सर महिलाएं ये शिकायत करती हैं कि उनके पार्टनर सीरियस टॉपिक से कतराते हैं। ऐसे में समझना बेहद जरूरी है कि आखिर क्यों कई मर्द गहरी बातों में शामिल होने से बचते हैं। जानकारी के अनुसार, इसके कई कारण हो सकते हैं, जिसके कारण मर्द हमेशा बातचीत से दूर भागते हैं,जिसका नतीजा आखिरी में ब्रेकअप होता है। आइए जानते हैं वो कौन-कौन से कारण है जो मर्दों को इन बातों सो दूर रखता है।

जिम्मेदारी का डर

कई पुरुष बातचीत से इसलिए बचते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसके बाद उन्हें किसी जिम्मेदारी को स्वीकार करना होगा। सीरियस टॉपिक पर बात करने का मतलब होता है कि अब कुछ बदलना पड़ेगा, जो उन्हें भारी लग सकता है।


आजादी खोने का डर

पुरुषों को अक्सर लगता है कि अगर वो बातचीत में खुलेंगे तो उनकी आजादी पर अंकुश लग सकता है। वो बातचीत को एक तरह का बंधन समझते हैं और इससे बचने की कोशिश करते हैं।

इगो और आत्मनिर्भरता

कुछ पुरुषों को दूसरों की राय मानना या सुझाव स्वीकार करना मुश्किल लगता है। उन्हें लगता है कि अगर वो बातचीत में भाग लेंगे तो उन्हें अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, जिससे उनके आत्मसम्मान को ठेस लग सकती है।

इमोशनल रूप से न खुलना

सीरियस टॉपिक में व्यक्ति को खुद के अंदर झांकना पड़ता है। इससे कुछ पुरुष असहज हो जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वो खुद को बहुत ज्यादा एक्सपोज कर रहे हैं, जिससे उनकी कमजोरियां सामने आ सकती हैं।


झगड़े से बचने की आदत

कई पुरुष किसी भी बहस या टकराव से बचना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि बातचीत कहीं बहस में ना बदल जाए, इसलिए वो चुप रहना ही बेहतर समझते हैं।

बचपन से सीखी आदतें

अगर किसी पुरुष ने ऐसे माहौल में परवरिश पाई है, जहां पिता या दूसरे पुरुष सदस्य भी बातों से दूर रहते थे, तो वही आदत उनमें भी आ जाती है। ये व्यवहार पीढ़ियों से चलता आ रहा होता है।


भरोसे की कमी

अगर पुरुष को ये महसूस होता है कि उसकी बातें कभी उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकती हैं, तो वो कभी खुलकर बात नहीं करेगा। रिश्ते में जब भरोसा नहीं होता तो संवाद भी नहीं होता।

व्यस्त जीवनशैली

आज के समय में पुरुषों की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो गई है कि वो भावनात्मक बातचीत के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार नहीं पाते। उन्हें लगता है कि बातचीत एक और बोझ है।


समाधान क्या है?

अगर आप चाहती हैं कि आपका पार्टनर आपसे खुले दिल से बात करे, तो सबसे पहले ऐसा माहौल बनाएं, जहां उसे जज न किया जाए। धैर्य, सम्मान और विश्वास के साथ उसे यह अहसास दिलाएं कि बातचीत उसका बोझ नहीं, बल्कि रिश्ते की खूबसूरती है। जब हम पुरुषों के बात न करने के पीछे की वजहों को समझेंगे, तब ही हम बेहतर रिश्ते बना पाएंगे। संवाद की शुरुआत समझ और अपनापन से होती है, दबाव और आरोप से नहीं।

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