ऑनलाइन गेम की अब छुट्टी! सरकार ने पारित किया रेगुलेशन बिल, आइए जाने इसे विस्तार से

Online Games Ban India: वित्तीय जोखिम भरे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने के लिए, केंद्र सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को प्रस्तुत किया है।

Akshita Pidiha
Published on: 24 Aug 2025 2:24 PM IST
Online Games Ban India Government Bill 2025
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Online Games Ban India Government Bill 2025 (Image Credit-Social Media)

Online Games Ban India: भारत में डिजिटल क्रांति ने पिछले एक दशक में समाज के हर पहलू को बदल दिया है। डिजिटल इंडिया, यूपीआई भुगतान प्रणाली, 5जी कनेक्टिविटी और सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र जैसी पहलों ने देश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है। हालांकि इस डिजिटल प्रगति के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। फैंटेसी लीग, कार्ड गेम्स, ऑनलाइन लॉटरी, पोकर, रमी और सट्टेबाजी जैसे प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता में तेजी से इजाफा हुआ है। लेकिन इस वृद्धि के साथ वित्तीय नुकसान, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और सामाजिक संकट जैसे जोखिम भी सामने आए हैं।

इन जोखिमों को संबोधित करने और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को विनियमित करने के लिए, केंद्र सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को प्रस्तुत किया। यह बिल 20 अगस्त, 2025 को लोकसभा में पेश किया गया और बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित हो गया। यह विधेयक अब राज्यसभा में विचार के लिए जाएगा और यदि वहां से भी मंजूरी मिलती है, तो यह राष्ट्रपति की सहमति के बाद कानून बन जाएगा।

बिल का उद्देश्य


ऑनलाइन गेमिंग उद्योग भारत में तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी अनुमानों के अनुसार, लगभग 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन मनी गेम्स में शामिल होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनुमानित 20,000 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान होता है। ये गेम्स न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बनते हैं, बल्कि इनकी लत ने सामाजिक और मनोवैज्ञानिक संकट को भी जन्म दिया है। कुछ मामलों में, इन गेम्स की वजह से आत्महत्याएं तक हुई हैं, जैसे कि हाल ही में एक 8 साल के बच्चे द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया था।

प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 का मुख्य उद्देश्य है:

ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध: उन सभी ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना, जिनमें पैसे का लेन-देन शामिल हो, जैसे कि फैंटेसी स्पोर्ट्स (ड्रीम 11, माय11 सर्कल), ऑनलाइन पोकर, रमी, लॉटरी और सट्टेबाजी।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहन: ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक गेम्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को कानूनी मान्यता देना और उन्हें बढ़ावा देना, क्योंकि ये गेम्स दिमागी विकास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं।

उपभोक्ता सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा: वित्तीय धोखाधड़ी, धन शोधन, और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली गतिविधियों को रोकना।

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक जोखिमों पर अंकुश: ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण होने वाले सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक नुकसानों से समाज, विशेष रूप से युवाओं और कमजोर वर्गों, की रक्षा करना।

यह बिल डिजिटल तकनीकों के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय स्तर पर एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करने पर केंद्रित है।

बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक में कई सख्त प्रावधान शामिल हैं, जो ऑनलाइन मनी गेमिंग को पूरी तरह से नियंत्रित करने और इसे गैरकानूनी घोषित करने पर जोर देते हैं। निम्नलिखित इसके कुछ प्रमुख प्रावधान हैं:

ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध:


फैंटेसी स्पोर्ट्स, ऑनलाइन जुआ (पोकर, रमी, आदि), और ऑनलाइन लॉटरी जैसे सभी गेम्स, जिनमें पैसे का लेन-देन शामिल हो, अवैध घोषित किए जाएंगे।

इन गेम्स को संचालित करने, प्रचार करने या उनके लिए वित्तीय लेन-देन की सुविधा प्रदान करने पर रोक लगाई जाएगी।

गूगल प्ले स्टोर और अन्य ऐप स्टोर्स से ऐसे गेम्स को डाउनलोड करना असंभव होगा।

सजा और जुर्माने का प्रावधान:

ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों या व्यक्तियों को तीन साल तक की जेल 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

ऐसे गेम्स का विज्ञापन करने वालों (जैसे कि सेलिब्रिटी या प्रभावशाली लोग) को दो साल तक की जेल और/या 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

बार-बार अपराध करने पर सजा को और सख्त किया जाएगा, जिसमें 3 से 5 साल की जेल और बढ़ा हुआ जुर्माना शामिल है।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों, जो ऐसे गेम्स के लिए लेन-देन की सुविधा प्रदान करते हैं, को भी तीन साल की जेल या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है।

विशेष रूप से, इस बिल में ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वाले व्यक्तियों को अपराधी नहीं माना गया है बल्कि उन्हें पीड़ित के रूप में देखा गया है।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहन:

बिल में ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक गेम्स, और ऑनलाइन सोशल गेम्स को कानूनी मान्यता देने और उनके लिए एक प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है।

इन गेम्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार नीतियां बनाएगी, क्योंकि ये गेम्स बच्चों और युवाओं में रचनात्मकता, नेतृत्व, और सामाजिक कौशल को बढ़ावा देते हैं।

विज्ञापन और प्रचार पर प्रतिबंध:

ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार को गैरकानूनी माना जाएगा।विदेशी प्लेटफॉर्म्स, जो भारत में ऐसे गेम्स को संचालित करते हैं, को ब्लॉक करने की व्यवस्था की जाएगी।

नागरिक सुरक्षा संहिता के साथ एकीकरण:

इस बिल के प्रावधानों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के साथ जोड़ा गया है, जिससे कॉर्पोरेट्स और उनके अधिकारियों पर सीधे जिम्मेदारी तय की जा सके। हालांकि, स्वतंत्र निदेशकों को कुछ छूट प्रदान की गई है।

बिल का पारित होना और संसदीय प्रक्रिया

20 अगस्त 2025 को, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में यह बिल पेश किया। यह बिल मंगलवार (19 अगस्त 2025) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी प्राप्त कर चुका था। हालांकि, लोकसभा में बिल को पेश करने और पारित करने की प्रक्रिया विवादों से घिरी रही।

विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल भी नहीं चल सका, और बिल पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष के नारेबाजी के बीच, लोकसभा स्पीकर ने बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को हंगामे के बजाय चर्चा में भाग लेने की सलाह दी, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बिल के पारित होने के बाद, लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

21 अगस्त 2025 को, एएनआई ने अपने एक ट्वीट में बताया कि यह बिल अब राज्यसभा में भी पारित हो गया है। यह एक महत्वपूर्ण अपडेट है, क्योंकि राज्यसभा से मंजूरी के बाद यह बिल अब राष्ट्रपति की सहमति के लिए जाएगा। यदि राष्ट्रपति मंजूरी दे देते हैं, तो यह कानून बन जाएगा।

बिल के प्रभाव और संभावित परिणाम


सकारात्मक प्रभाव

वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा:

यह बिल 45 करोड़ से अधिक लोगों को ऑनलाइन मनी गेम्स के जाल से बचाने में मदद करेगा। सरकारी अनुमानों के अनुसार, इन गेम्स के कारण हर साल 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

आत्महत्याओं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सामाजिक संकटों पर अंकुश लगेगा।

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग का विकास:

ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा मिलने से भारत में डिजिटल नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा।

बच्चों और युवाओं में नेतृत्व, रचनात्मकता, और सामाजिक कौशल का विकास होगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक:

धन शोधन और अवैध वित्तीय लेन-देन पर अंकुश लगेगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

विदेशी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने से भारत में अवैध गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकेगा।

नकारात्मक प्रभाव और उद्योग की चिंताएं

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग, विशेष रूप से रियल-मनी गेमिंग सेक्टर, ने इस बिल पर गहरी चिंता जताई है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन (EGF), और फेडरेशन ऑफ इंडिया फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने गृह मंत्री अमित शाह को एक संयुक्त पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि इस बिल से:

रोजगार और अर्थव्यवस्था पर असर:

2 लाख से अधिक नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

400 से अधिक कंपनियां बंद हो सकती हैं।

भारत की डिजिटल नवाचार में अग्रणी स्थिति कमजोर हो सकती है।

अवैध प्लेटफॉर्म्स की ओर पलायन:

वैध प्लेटफॉर्म्स के बंद होने से उपयोगकर्ता अवैध मटका नेटवर्क, अपतटीय जुआ साइट्स, और अनियमित ऑपरेटरों की ओर जा सकते हैं, जिससे और अधिक जोखिम बढ़ेगा।

आर्थिक नुकसान:

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग, जो 20% की सीएजीआर से बढ़ रहा है और 2028 तक दोगुना होने की उम्मीद है, को भारी नुकसान होगा।

जून 2022 तक इस क्षेत्र में 25,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ चुका है, जो खतरे में पड़ सकता है।

उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों पर प्रभाव


ड्रीम11, गेम्स24x7, विंजो, और गेम्सक्राफ्ट जैसी कंपनियां, जो रियल-मनी गेमिंग पर निर्भर हैं, इस बिल के लागू होने से सबसे अधिक प्रभावित होंगी। इन कंपनियों को अपने व्यवसाय मॉडल को ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स की ओर स्थानांतरित करना होगा, जो एक जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होगी।

21 अगस्त 2025 को, एएनआई ने अपने एक ट्वीट में पुष्टि की कि प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को राज्यसभा ने भी पारित कर दिया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि अब यह बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बिल के पारित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह मध्यम वर्ग के परिवारों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उन्होंने मीडिया में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़ी त्रासदियों की रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए इस बिल की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके अलावा, लोकसभा स्पीकर ने भी इस मुद्दे पर 18 घंटे की बहस की पेशकश की थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब सभी की निगाहें राष्ट्रपति की मंजूरी पर टिकी हैं, जिसके बाद यह बिल कानून बन जाएगा।

प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल,6 2025 भारत के डिजिटल परिदृश्य में एक ऐतिहासिक कदम है। यह बिल ऑनलाइन मनी गेम्स के खतरों से समाज को बचाने और ई-स्पोर्ट्स व सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने के बीच एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास करता है। हालांकि इसके सख्त प्रावधानों ने उद्योग में चिंता पैदा की है और इसके आर्थिक और सामाजिक प्रभावों पर गहन बहस की आवश्यकता है।

यह बिल न केवल वित्तीय और सामाजिक जोखिमों को कम करने का लक्ष्य रखता है, बल्कि डिजिटल तकनीकों के जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। अब, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कानून भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग और समाज पर किस तरह का प्रभाव डालेगा।

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