जर्जर भवन में पढ़ाई कर रहे 48 मासूम, छत से गिरते प्लास्टर और टपकते पानी से बच्चों की जान पर खतरा

Auraiya News: औरैया के जर्जर स्कूल में खतरे में 48 बच्चों की पढ़ाई और ज़िंदगी

Ashraf Ansari
Published on: 5 Sept 2025 12:31 PM IST
जर्जर भवन में पढ़ाई कर रहे 48 मासूम, छत से गिरते प्लास्टर और टपकते पानी से बच्चों की जान पर खतरा
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Auraiya School News

Auraiya News: शिक्षा के मंदिर कहलाने वाले विद्यालयों की हालत कई बार इतनी बदतर हो जाती है कि वहां पढ़ने वाले मासूम बच्चों की जिंदगी दांव पर लग जाती है। ऐसा ही औरैया जिले के तहसील क्षेत्र के सूनी खेड़ा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय का सामने आया है। यहां पढ़ाई करने वाले 48 बच्चे रोजाना खंडहरनुमा इमारत में अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। विद्यालय की छत जर्जर हो चुकी है, जगह-जगह से प्लास्टर टूटकर गिर रहा है और लोहे के सरिए बाहर झांक रहे हैं। बरसात के दिनों में हालात और भी भयावह हो जाते हैं, जब छत से लगातार पानी टपकता रहता है।

इंचार्ज प्रधानाध्यापक निर्मल कुमार ने विद्यालय की स्थिति को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी बिधूना और जिला प्रशासन को लिखित रूप से अवगत कराया है। उनकी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि विद्यालय की छत से लगातार टुकड़े गिरते रहते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं, अभिभावक पूजा, रूपाली, रूबी, सोनी, सूरजमुखी, सोनवती, अरविंद, दुलारे, महेश चंद्र और मोनू सहित ग्रामीणों ने विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर किसी बच्चे के साथ कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

विद्यालय परिसर की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। बरसात में छत से टपकते पानी के कारण शिक्षकों को मजबूरन प्लास्टिक शीट लगाकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है। साफ-सफाई की व्यवस्था नाममात्र की है, जबकि बच्चों को पीने के लिए हैंडपंप का दूषित पानी ही उपलब्ध है। अभिभावकों का कहना है कि गंदा पानी पीने से बच्चों में बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है।गांव के लोग इस लापरवाही से खासे आक्रोशित हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रशासन तत्काल विद्यालय की मरम्मत कराए, ताकि मासूम बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित माहौल में जारी रह सके। अगर समय रहते जिम्मेदार विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

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