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Ayodhya News: आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत से आबादी क्षेत्रों में खुलेआम शराब परोसी जा रही है, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां
Ayodhya News: स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन दुकानों के आसपास अवैध कैंटीनें भी चलाई जा रही हैं, जहां शाम होते ही शराबियों की भारी भीड़ जुट जाती है।
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Ayodhya News: अयोध्या जनपद में आबकारी विभाग और पुलिस विभाग की मिलीभगत से शराब की दुकानों पर खुलेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है। मौदहा चौराहा, जेल के पास, रिकाबगंज स्थित अलका टावर, अंगूरी बाग सहित शहर के कई स्थानों पर विदेशी शराब और बीयर की कंपोजिट दुकानों पर खुलेआम शराब परोसी जा रही है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन दुकानों के आसपास अवैध कैंटीनें भी चलाई जा रही हैं, जहां शाम होते ही शराबियों की भारी भीड़ जुट जाती है। जबकि यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और ऐसे स्थानों पर शराब परोसना पूरी तरह अवैध है। इसके बावजूद प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। लोगों को संदेह है कि कहीं यह सब सुविधा शुल्क के बदले में तो नहीं हो रहा?
मॉडल शॉप पर मिल रही अशुद्ध खाद्य सामग्री
शहर की कई मॉडल शॉप्स पर संचालित कैंटीनों में मिलावटी और अशुद्ध खाद्य सामग्री की बिक्री भी की जा रही है। यह काम बड़े पैमाने पर चल रहा है, लेकिन खाद्य विभाग की नजर अब तक इस ओर नहीं गई है।
कानून की खुलेआम अनदेखी, मंदिर के सामने शराब की दुकान
नाका बाईपास स्थित आबकारी कार्यालय के बगल, गांधी आश्रम दुकान के पास स्थित मंदिर के सामने एक मॉडल शॉप बिना किसी रोकटोक के संचालित हो रही है। यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की सीधी अवहेलना है, जिसमें धार्मिक स्थलों, स्कूलों और अस्पतालों के पास शराब की दुकानें प्रतिबंधित की गई हैं।
प्रशासन मौन, जिम्मेदारी तय नहीं
सवाल यह है कि जब सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन इतनी स्पष्ट है, तो फिर मंदिर, मस्जिद और स्कूल के निकट इन दुकानों को लाइसेंस कैसे मिल गया? पूरे जिले में यही हालात हैं। आबकारी और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली से स्पष्ट होता है कि या तो वे असहाय हैं या फिर इस अवैध गतिविधि में स्वयं शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई शिकायत
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्व हिंदू सेवा के अध्यक्ष आर. पी. पांडे (एडवोकेट) ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अयोध्या जनपद में चल रही इन अवैध गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।शहर में कानून व्यवस्था के खुले उल्लंघन और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना के बीच एक बड़ा सवाल यह उठता है आखिर इन सबका जिम्मेदार कौन है?
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