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Ayodhya News: कुमारगंज कृषि महाविद्यालय में किसान गोष्ठी, छात्रों ने सिखाए आधुनिक खेती के गुर
Ayodhya News: कृषि महाविद्यालय कुमारगंज में छात्रों ने किसानों की समस्याओं का अध्ययन कर दी आधुनिक खेती, जैविक विधियों और फसल विविधीकरण की दी जानकारी।
कुमारगंज कृषि महाविद्यालय में किसान गोष्ठी, छात्रों ने सिखाए आधुनिक खेती के गुर (Photo- Newstrack)
Ayodhya News: आचार्य नरेंद्र देव कृषि महाविद्यालय के नेतृत्व में बुधवार को स्नातक कृषि चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव एवं कृषि औद्योगिक प्रशिक्षण (RAWE & AIA) कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रीवा आईए के अंतर्गत रामनेवाज सिंह महाविद्यालय, कुमारगंज में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में किया गया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. डी.के. सिंह रहे, जिन्होंने दीप प्रज्वलन कर गोष्ठी का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन कोऑर्डिनेटर डॉ. रमेश प्रताप सिंह द्वारा किया गया।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के स्नातक कृषि चतुर्थ वर्ष के कुल 64 छात्र-छात्राओं ने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव कार्यक्रम के अंतर्गत क्षेत्र के आठ गांवों—गोसाई का पुरवा, बनवा, पिंगला, चुरावन का पुरवा, विरौली झाम, अकमा, मितौरा और शिवनाथपुरा में 56 दिनों तक प्रवास किया।
इस दौरान विद्यार्थियों ने किसानों के बीच रहकर उनकी समस्याओं, खेती में आने वाली चुनौतियों तथा उत्पादन लागत और विपणन से जुड़ी कठिनाइयों की गहन जानकारी ली। साथ ही, छात्रों ने किसानों को नई तकनीकों से खेती करने, फसल विविधीकरण, उन्नत बीज चयन, मिट्टी परीक्षण, जैविक खेती तथा जल संरक्षण के आधुनिक उपायों के बारे में प्रशिक्षण दिया।
मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों द्वारा एकत्र की गई जानकारी और किसानों से मिले अनुभव कृषि विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के माध्यम से किसानों की वास्तविक समस्याओं का पता लगाया गया है, जिनका निराकरण विश्वविद्यालय स्तर पर किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विश्वविद्यालय समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा ताकि किसान कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकें और उन्हें उचित मूल्य भी मिल सके।
कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. रमेश प्रताप सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान देना नहीं है, बल्कि उन्हें खेत-खलिहान से जोड़कर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना भी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम किसानों में जागरूकता बढ़ाने और छात्र-समुदाय को वास्तविक कृषि परिस्थितियों से परिचित कराने के लिए निरंतर आयोजित किए जाते रहेंगे।
गोष्ठी में उपस्थित डॉ. रुद्र प्रताप सिंह, डॉ. एन.आर. मीणा, डॉ. दिव्या सिंह, डॉ. प्रियंका जायसवाल और डॉ. अशोक कुमार सिंह ने भी किसानों को संबोधित किया और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर बल दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में छात्रा लक्ष्मी सिंह ने किसानों, अतिथियों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसानों के अनुभवों से छात्रों को न केवल व्यावहारिक ज्ञान मिला, बल्कि ग्रामीण समाज की वास्तविक समस्याओं को समझने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
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