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Ayodhya News: आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में जीआई पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित
Ayodhya News: इस मौके पर मुख्य वक्ता ह्यूमन वेलफेयर संगठन वाराणसी के जनरल सेक्रेटरी पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि भारत में 650 जी.आई उत्पाद हैं, जिनमें से 77 प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशन में किए गए, जो पूरे भारतवर्ष में प्रदेश को प्रथम स्थान पर रखता है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में जीआई पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित (photo: social media )
Ayodhya News: आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय द्वारा भौगोलिक उपदर्शन (जीआई) के संबंध में एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता ह्यूमन वेलफेयर संगठन वाराणसी के जनरल सेक्रेटरी पद्मश्री डॉ. रजनीकांत ने बताया कि भारत में 650 जी.आई उत्पाद हैं, जिनमें से 77 प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशन में किए गए, जो पूरे भारतवर्ष में प्रदेश को प्रथम स्थान पर रखता है।
इसमें से पूर्वांचल क्षेत्र के 20 जी.आई किए गए, और केवल बनारस से ही छह जी.आई पंजीकृत किए गए हैं। पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि यदि किसी जगह से उत्पाद को जी.आई मिल गया तो अन्य कोई नहीं करा सकता है। यदि कराता है या उसका व्यवसाय करता है तो उसको जुर्माना भी हो सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने सभी कृषि विज्ञान केंद्रों को भौगोलिक परिदृश्य को पंजीकृत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भौगोलिक उपदर्शन सटीक जानकारी प्रदान करता है जो निर्णय लेने में मदद करता है। उन्होंने भौगोलिक परिदृश्य के महत्व एवं पूर्व में विकसित तकनीकी/क्राफ्ट को धरोहर के रूप में सुरक्षित रखकर विशिष्ट समाज एवं क्षेत्र को लाभांवित करने पर जोर दिया। कुलपति ने विलुप्त होने वाले उत्पादन पर चर्चा की जिससे पुराने उत्पादों को जी.आई टैग के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा सके।
पंजीकरण कराने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
उत्तर प्रदेश कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, उत्तर प्रदेश के उप निदेशक डॉ. सुग्रीव शुक्ल ने जी.आई. पंजीकरण कराने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। निदेशक प्रसार डॉ. राम बटुक सिंह ने जी.आई उत्पाद हेतु नए उत्पादों का चयन करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों से 15 दिन का लक्ष्य निर्धारित किया एवं कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों के बारे में जानकारी दी। वरिष्ठ प्रसार अधिकारी डॉ. के.एम. सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। निदेशक प्रसार डॉ. रामबटुक सिंह ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष मौजूद रहे।
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