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Ayodhya News: अयोध्या में 'यंग थिंकर्स मीट 2025' संपन्न: भारतीय संस्कृति से नए भारत की दिशा तय करने का आह्वान
Ayodhya News: भारतीय संस्कृति, नारी सशक्तिकरण और वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अयोध्या तत्व जैसे विषयों पर हुई वैचारिक चर्चा, युवा प्रतिभागियों को वितरित हुए प्रमाणपत्र
Ayodhya News (Social Media image)
Ayodhya News: लोक नीति और इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय "उत्तर प्रदेश यंग थिंकर्स मीट-2025" दूसरे एवं अंतिम दिन भी विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा वैचारिक संगम का आयोजन किया गया। संस्कृति सोच और विचार नए भारत का निर्माण विषय पर अपने विचार रखते हुए आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति को आधार बनाकर ही नए भारत की परिकल्पना की जा सकती है। भारतीय संस्कृति नैतिक मूल्यों की रक्षक है भारत और भारतीयता वेशभूषा से नहीं बल्कि चरित्र से जाना जाता है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता डॉ. प्रवेश कुमार ने कहा कि केवल भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की बात करती है। मिथिलेश नंदनी शरण जी महाराज अपने उद्बोधन ने कहा कि भारतीय संस्कृति संस्कृत के बिना अधूरा है। युवाओं को वेद, पुराण और अपने अन्य ग्रन्थों का अध्ययन करना चाहिए। वैदिक शब्दों का अनुवाद नहीं किया जा सकता, अनुवाद करने से वह अपने मूल तत्व से विरत हो जाता है।
बदलते प्रवेश में नई नेतृत्व विषय पर अपने वक्तव्य रखते हुए उ.प्र. राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा कि नारी सशक्तिकरण से संबंधित केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं से महिलाओं की दशा एवं दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। महिलाओं के नेतृत्व में सामाजिक परिवर्तन विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. नीतू सिंह और ख्याति श्रीवास्तव ने महिलाओं द्वारा आज के परिवेश में समाज मे भागीदारी पर जोर दिया।
समापन सत्र में लोकनीति के अध्यक्ष सत्येन्द्र त्रिपाठी ने बदले वैश्विक राजनीति मे अयोध्या तत्व विश्व को नयी दिशा देगा पर चर्चा करते हुई बताया कि कैसे पूरे विश्व मे लोकतान्त्रिक व्यवस्था बदली है रूस से चीन तक, अमेरिका से यूरोप ब्रिटेन को भी इस बदलती वैश्विक चिंतन से अछूता नहीं रहा है ऐसे मे अयोध्या तत्व ही विश्व का मार्गदर्शन करेगा और अयोध्या का यह राम मंदिर विश्व के लोकतंत्र के किरण पुंज कि तरह इसको जागृत करता रहेगा.'नैरेटिव वॉर' पर चर्चा की। अन्त में जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य जी व महंत गिरीश दास और सत्येंद्र त्रिपाठी जी द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह, कैप्टन सुभाष पाण्डेय, दीप नारायण पाण्डेय, कुँवर अभिषेक प्रताप और राणा आशुतोष सिंह का विशेष योगदान रहा।
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