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Ayodhya News: 25 नवंबर को राम मंदिर ध्वजारोहण, आम दर्शन बंद रहेंगे
राम मंदिर में सेना करेगी 11 किलो ध्वज का आरोहण, 8 हजार अतिथि होंगे शामिल
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Ayodhya News: राम मंदिर के भव्य उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह को लेकर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। श्री राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने आज (बैठक के दूसरे दिन) इस महत्वपूर्ण आयोजन से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी, जिसके तहत सुरक्षा और परंपरा दोनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
25 नवंबर को आम दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं
नृपेन्द्र मिश्रा ने स्पष्ट किया कि 25 नवंबर को प्रस्तावित ध्वजारोहण समारोह के कारण, उस दिन राम मंदिर के सभी मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन बंद रहेगा। इस महा-समारोह में देश भर से लगभग 8,000 विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया है। श्रद्धालुओं के लिए परकोटे के मंदिरों में दर्शन अगले दिन से चालू कर दिया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की प्राथमिकता है कि श्रद्धालु सुगमता से सभी नवनिर्मित संरचनाओं, सप्त मंदिरों, वाटिका और परकोटा का दर्शन कर सकें।
ध्वजारोहण की चुनौती: 11 किलो का ध्वज, सेना का सहयोग
राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाले ध्वज की स्थापना एक बड़ी तकनीकी और सुरक्षा चुनौती है, जिस पर कल की बैठक में गहन मंथन हुआ। ध्वज दंड (पोल) की लंबाई 11 फीट होगी, जबकि पताका (झंडा) 22 फीट चौड़ा होगा और इसका वजन लगभग 11 किलो होगा। ध्वजारोहण की पवित्रता और वैश्विक महत्व को देखते हुए, ट्रस्ट ने भारतीय सेना (आर्मी) का सहयोग मांगा है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने कल राम मंदिर परिसर में इसका रिहर्सल भी किया। ध्वज के कपड़े की मजबूती को लेकर भी मंथन हुआ है। अत्यधिक टिकाऊपन के लिए यह पताका पैराशूट के कपड़े का हो सकता है। ध्वज पर कल्पवृक्ष को प्रदर्शित किया जाएगा, जिसके साथ भगवान सूर्य का संकेत भी होगा। नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि यह ध्वज पूरे विश्व की निगाह में होगा, इसलिए ट्रस्ट सेना के अधिकारियों द्वारा दी गई राय को अक्षरशः लागू करेगा और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
कुबेर टीला और निर्माण कार्य की स्थिति
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि राम मंदिर निर्माण का कार्य अब समापन की ओर है और कोई नया निर्माण नहीं होना है। श्रद्धालुओं को बिना किसी चेकिंग के दर्शन की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। श्रद्धालुओं को कुबेर टीला तक जाने की अनुमति होगी। प्रथम तल पर राम दरबार के दर्शन भी सीमित संख्या में ही कराए जा सकेंगे। परकोटा में ब्रांच के म्यूरल के साथ रेलिंग लगाने का काम अंतिम चरणों में है। मिश्रा ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम किसी एक धर्म से नहीं जुड़े हैं, बल्कि उन्होंने विश्व को यह दिखाया कि मर्यादा कैसी होनी चाहिए। यह ध्वज विश्व को वही संदेश देगा।
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