Baghpat Flood: यमुना के उफान से बागपत बेहाल, सैकड़ों बीघा फसल डूबी

Baghpat Flood: लगातार बारिश और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना उफान पर, बागपत में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न, कटान से नुकसान बढ़ा।

Paras Jain
Published on: 21 Aug 2025 7:05 PM IST
Yamuna River Submerges Hundreds of Bighas of Crops
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Baghpat Flood_ Yamuna River Submerges Hundreds of Bighas of Crops

Baghpat Flood: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश से यमुना नदी उफान पर है। हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। नदी का तेज बहाव अब गांवों के खेतों तक पहुंच चुका है, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं और कई जगहों पर कटान भी शुरू हो गया है। प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने और किनारे न जाने की हिदायत दी है।

यमुना खादर के गांवों में बड़ौत क्षेत्र के कोताना, जागोस, शबगा और बागपत क्षेत्र के किसानों का कहना है कि बढ़ते जलस्तर से उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। गन्ना, हरी सब्जियां और चारे की फसलें पूरी तरह से डूब चुकी हैं। किसानों ने बताया कि करीब 400 बीघे से अधिक खेत यमुना के तेज बहाव में समा चुके हैं। इतना ही नहीं, मिट्टी का कटाव भी लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से खेतों की मेढ़ें टूटकर नदी में समा रही हैं। किसानों का कहना है कि हर बार बाढ़ जैसे हालात बनने पर उनका यही हाल होता है, लेकिन इस बार नुकसान कहीं अधिक है।

हथिनीकुंड बैराज से बुधवार को भी लगभग 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना का दबाव और बढ़ गया है। नदी का पानी दोनों किनारों से सटकर बह रहा है। इससे आसपास बसे गांवों में दहशत का माहौल है। प्रशासन और सिंचाई विभाग की टीम लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। किसान अजय त्यागी और दीपक त्यागी ने बताया कि यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी से उनकी गन्ना और चारे की फसल पूरी तरह से डूब चुकी है। खेत का कटान इतनी तेजी से हो रहा है कि देखते ही देखते मिट्टी फिसलकर नदी में समा जाती है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही पानी का स्तर कम नहीं हुआ तो और भी ज्यादा जमीन और फसलें बर्बाद हो जाएंगी।

विद्युत पोल बहे, गांव अंधेरे में

तेज बहाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 11 हजारी लाइन के पांच विद्युत पोल टूटकर नदी में बह गए। इन पोलों के बह जाने से आसपास के कई गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। वहीं, ग्रामीणों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ रही है।

बोरिंग और ट्यूबवेल भी डूबे

पानी की चपेट में आकर अब तक पांच बोरिंग और ट्यूबवेल पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। इससे किसानों को सिंचाई के साधन खोने का भी बड़ा झटका लगा है। यमुना का बढ़ता जलस्तर जहां किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहा है, वहीं तेज कटान ने उनकी नींद भी उड़ा दी है। नदी के उफान से हालात गंभीर बने हुए हैं और ग्रामीण प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं।

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