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बलरामपुर पंचायत सहायकों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, मानदेय व सेवा सुरक्षा की मांग की
Balrampur News: पंचायत सहायकों ने मानदेय बढ़ाने, सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने और डिजिटल कार्यों हेतु संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की।
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Balrampur News: बलरामपुर जनपद के ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत पंचायत सहायकों ने सामूहिक रूप से जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर अपनी विभिन्न मांगों को रखी है। पंचायत सहायकों का कहना है कि वे दिनांक 01 दिसंबर 2021 से ग्रामीण जनता को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने, पंचायत सचिवालय के सुचारु संचालन और ग्राम विकास के महत्वपूर्ण कार्यों में निरंतर योगदान दे रहे हैं।
पंचायत सहायकों ने बताया कि उनका कार्य केवल डाटा एंट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि वे शासन की “डिजिटल पंचायत” की अवधारणा को साकार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ई-प्राम स्वराज, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत ऑडिट ऑनलाइन, आरआरसी सेंटर और जन सेवा केंद्र के माध्यम से कई जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन, सीआरएस पोर्टल के माध्यम से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करना जैसे डिजिटल कार्य पंचायत सहायकों द्वारा ग्राम स्तर पर किए जा रहे हैं।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि पंचायत सहायकों को उनके कार्यभार और जिम्मेदारियों के अनुपात में यथोचित मानदेय नहीं मिल रहा है और न ही भविष्य की कोई सेवा सुरक्षा उपलब्ध है। वर्तमान में उन्हें मात्र 6000 मासिक मानदेय प्राप्त होता है, जो केवल 200 प्रतिदिन के बराबर है। यह मानदेय शिक्षित एवं तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों के लिए न केवल असंतोषजनक है, बल्कि उनके आत्मसम्मान और जीवन यापन पर भी विपरीत प्रभाव डाल रहा है।
पंचायत सहायकों ने उदाहरण देते हुए कहा कि मनरेगा में अस्थाई अकुशल मजदूर को 252 प्रतिदिन मिलती है, जबकि वे स्थायी पद पर पूरे दिन प्रशासनिक और तकनीकी कार्य करते हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायतों में सचिवों की भारी कमी के कारण पंचायत सहायकों को सचिवालय का संचालन भी करना पड़ता है। उनके अनुसार, यह कार्य पूर्णकालिक है और लगातार सेवा देने के कारण कई पंचायत सहायकों ने आगे की पढ़ाई या अन्य रोजगार के अवसरों को भी त्याग दिया है।
ज्ञापन में एक विशेष मामला भी उठाया गया है। दिनांक 30.07.2025 को शासनादेश संख्या 48/2025/913/2025/1862321/2025/12-5/39/2023 के तहत खरीफ मौसम 2025 से ई-खसरा पड़ताल (DCS) कार्य प्राइवेट सर्वेयरों के माध्यम से कराए जाने का निर्देश दिया गया है। इस आदेश में पंचायत सहायकों को भी सर्वेयर के रूप में योजित करने का सुझाव दिया गया, लेकिन पंचायत सहायक यूनियन उत्तर प्रदेश ने इसका कड़ा विरोध किया है।
पंचायत सहायकों ने अपने विरोध के पीछे कई ठोस कारण बताए हैं। उनमें उचित तकनीकी संसाधनों का अभाव, ग्राम सचिवालय का एकल कर्मचारी होना, कार्य का विभागीय असामंजस्य, प्रोत्साहन राशि का अत्यंत न्यूनतम होना और पंचायती राज विभाग के मूल कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव शामिल हैं। उनका कहना है कि उन्हें निश्चित मानदेय और सेवा सुरक्षा प्रदान किए बिना अतिरिक्त कार्य करना न्यायसंगत नहीं है।ज्ञापन में पंचायत सहायकों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि उनके मानदेय को कार्यभार और तकनीकी दक्षता के अनुरूप बढ़ाया जाए और सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही डिजिटल कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं और कृषि विभाग के क्रॉप सर्वे कार्य में उनकी भूमिका स्पष्ट रूप से तय की जाए, ताकि मूल पंचायत कार्य प्रभावित न हों।
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