Balrampur News: बलरामपुर में महिला ने लगाया धर्म परिवर्तन के दबाव और पति की हत्या का आरोप, जमीन कब्जे को लेकर जताई चिंता

Balrampur News: बलरामपुर में एक महिला ने धर्म परिवर्तन के दबाव और जमीन कब्जे का आरोप लगाते हुए अपने पति की हत्या का संदेह जताया है।

Pawan Tiwari
Published on: 26 Aug 2025 8:08 AM IST (Updated on: 26 Aug 2025 8:22 AM IST)
Balrampur News: बलरामपुर में महिला ने लगाया धर्म परिवर्तन के दबाव और पति की हत्या का आरोप, जमीन कब्जे को लेकर जताई चिंता
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Balrampur News: बलरामपुर जनपद में धर्म परिवर्तन से जुड़ा एक और गंभीर मामला सामने आया है। तुलसीपुर तहसील क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने धर्मांतरण मामले में घिरे छांगुर और उसके एक सहयोगी पर उसके पति को गायब कर हत्या करने का आरोप लगाया है। महिला ने कहा कि छांगुर और उसके सहयोगियों ने उसके पति को मार डाला है, तो वह अब कहां मिलेंगे?

महिला का आरोप है कि उस पर वर्षों से धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है। धर्म परिवर्तन से इनकार करने के बाद उसके पति को रहस्यमय परिस्थितियों में गायब कर दिया गया, जिसकी गुत्थी आज तक नहीं सुलझ सकी है। पीड़िता का कहना है कि उसका पति वर्ष 2013 से लापता है और अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।प्रार्थिनी शीला, पत्नी स्वर्गीय राजेंद्र कुमार उर्फ विन्नू, निवासी ग्राम लक्ष्मणपुर रमवापुर, तुलसीपुर, बलरामपुर, ने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। महिला का कहना है कि उसके पति के लापता होने से पहले कुछ लोग लगातार उनके परिवार पर इस्लाम धर्म स्वीकारने का दबाव बना रहे थे। जब परिवार ने धर्म परिवर्तन से इनकार किया, तो उन लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया और उसके पति को अगवा कर लिया। पीड़िता को संदेह है कि उसके पति की हत्या कर दी गई है।

महिला ने आरोप लगाया है कि धर्मांतरण मामले में घिरे छांगुर और उसका सहयोगी हारून, व अन्य लोग लगातार उनके परिवार को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते रहे। जब उन्होंने इनकार किया, तो भूमि कब्जाने की नीयत से दबंगों ने उसके पति को गायब कर दिया। तभी से पीड़िता छोटे-छोटे बच्चों के साथ विधवा जैसा जीवन जी रही है। इस दौरान उसकी संपत्ति पर भी दबंगों ने कब्जा कर लिया।पीड़िता ने बताया कि हारून पुत्र मोहम्मद रफीक, अब्दुल्ला, बहदुल्ला और कुसनूर पुत्र मोहम्मद हारून सहित लगभग 8-10 दबंगों ने उसकी कीमती भूमि पर कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं, उसने आरोप लगाया कि उसके 12 से 13 कमरों वाले मकान पर भी इन लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। पीड़िता के मुताबिक, ये लोग अक्सर उसे प्रताड़ित करते हैं और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालते हैं।

महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दबंगों के पास इतना बाहुबल और राजनीतिक पहुंच है कि उसकी बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उसने बताया कि आरोपी लकड़ी की तस्करी से भी जुड़े हैं और तुलसीपुर स्थित नथुनिया मोड़ पर उन्होंने एक लकड़ी की दुकान खोल रखी है, जो उसकी ज़मीन के सामने है। पीड़िता का कहना है कि बार-बार प्रशासन को सूचना देने के बावजूद आरोपी खुलेआम दबंगई करते हैं और उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।इतना ही नहीं, पीड़िता ने बताया कि 13 नवंबर 2024 को हारून और उसके साथियों ने सार्वजनिक स्थल पर उसके साथ मारपीट की। इस दौरान जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उसे अपमानित किया गया। यहां तक कि उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश भी की गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन आरोप है कि उस पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में हारून और उसके साथियों ने उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था। इस संबंध में थाना तुलसीपुर में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अब तक इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की चुप्पी से दबंगों का हौसला बढ़ता जा रहा है।

पीड़िता ने अधिकारियों को दिए अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि वह एक गरीब और असहाय महिला है, जो अपने नाबालिग बच्चों के साथ किसी तरह किराए के मकान में जीवन यापन कर रही है। उसका पुश्तैनी मकान और जमीन दबंगों ने कब्जा लिया है। आए दिन उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज की जाती है। यहां तक कि दबंग लोग उसे धमकी देते हैं कि यदि उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया, तो उसके साथ और भी गंभीर वारदातें की जाएंगी।

महिला ने रोते हुए अपनी व्यथा सुनाई और कहा कि उसका पति 2013 से गायब है, जिसे या तो अगवा कर लिया गया या मार डाला गया। परंतु आज तक प्रशासन या पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पीड़िता ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिरीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उसकी भूमि और मकान पर से अवैध कब्जा हटाया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।इस मामले ने एक बार फिर जनपद में धर्म परिवर्तन और जमीन कब्जे से जुड़े अपराधों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता का कहना है कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो वह अपने बच्चों के भविष्य को लेकर इतनी चिंतित है कि आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो सकती हैं।

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