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Balrampur News: सिद्धपीठ पाटेश्वरी मंदिर में गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन भी उमड़ा आस्था का जनसैलाब
Balrampur News: आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन शुक्रवार को भी सुबह से पूरे दिन प्रसिद्ध देवीपाटन मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ता रहा । हर कोई मां माता के दर्शन को बेताब दिखा।
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Balrampur News: शनिवार को दूसरे दिन भी जिले के देवी पार्टेश्वरी मंदिर में गुप्त नवरात्र पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी गई। इस मौके पर, प्रसिद्ध मां पांटेश्वरी देवीपाटन मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ती रही। गुप्त नवरात्र में मां के दर्शन पूजन से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन शुक्रवार को भी सुबह से पूरे दिन प्रसिद्ध देवीपाटन मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ता रहा । हर कोई मां माता के दर्शन को बेताब दिखा। इस दौरान मां देवीपाटन की जयकारे से आसपास का वातावरण गुंजायमान हो रहा हैं ।
श्रद्धालुओं ने माता रानी के समक्ष गुप्त तरीके से मनोकामनाएं रखी।गुड़हल, कमल पुष्प व रत्न जड़ित हार से मां देवीपाटन का श्रृंगार किया गया था। नारियल-चुनरी, माला-फूल प्रसाद के साथ कतारबद्ध श्रद्धालु जयकारे के साथ मंदिर की ओर बढ़ते रहे। किसी ने झांकी तो किसी ने गर्भगृह पहुंच माता के द्वितीय स्वरूप का दर्शन कर रहे है। इसके पहले शुक्रवार को शैलपुत्री स्वरूप का भक्तों ने दर्शन-पूजन किया । मां की झलक पाकर भक्त निहाल हो रहे हैं। इसके बाद मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं को नमन किया। दूर-दराज से श्रद्धालु मां पाटेश्वरी का दर्शन करने के साथ पूजन-अनुष्ठान करने तुलसीपुर के देवीपाटन आए हैं। शनिवार और शुक्रवार को तुलसीपुर के लगभग सभी होटल फुल हैं। गुप्त नवरात्रि 27 जून पूरे नव दिन तक तुलसीपुर गुलजार रहेगा। रविवार को भी भीड़ उमड़ने की संभावना है।
मंदिर के महंत बुधनाथ योगी ने बताया कि गुप्त नवरात्र की महिमा ही अलग, होती हैं। कहा इन दिनों आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति होती है। बताया कि गुप्त नवरात्र की अलग ही महिमा है। तमाम लोग गुप्त नवरात्रि पर पूजन-अनुष्ठान करते हैं। गुप्त नवरात्रि पर श्रद्धालु गुप्त तरीके से मनोकामनाएं रखते हैं और मां पाटेश्वरी मनोकामना पूरी करती हैं। नवरात्रि में मां की दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना भी की जाती है।
बताया कि इस साल गुप्त नवरात्रि बेहद शुभ संयोग लेकर आया है। प्रत्यक्ष नवरात्रि में सात्विक साधना नित्य उत्सव मनाए जा सकते हैं। जबकि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक साधना और कठिन व्रत का महत्व होता है। प्रत्यक्ष नवरात्र के दौरान संसार की छांव की पूर्ति के लिए पूजा आराधना की जाती है। जबकि गुप्त नवरात्रि में आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धी व मोक्ष के लिए की जाती है।
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