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Barabanki News: सावन में लोधेश्वर महादेव पहुंचेंगे लाखों कांवड़िए, सतर्क हुआ प्रशासन, होटल-ढाबों पर चस्पा हो रहा ’ग्राहक संतुष्टि फीडबैक’ स्टीकर
Barabanki News: सावन माह की शुरुआत इस बार 11 जुलाई दिन शुक्रवार से हो रही है। मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्गों, बाजारों, भोजनालयों और कांवड़ यात्रा के सभी रास्तों पर सफाई, ट्रैफिक, स्वास्थ्य और खानपान की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है।
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Barabanki News: जनपद का लोधेश्वर महादेव धाम एक बार फिर सावन में आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। कांवड़ियों की भीड़ हर ओर से उमड़ेगी नारे गूंजेंगे ’हर हर महादेव’ और मंदिर परिसर में लहराएगी भगवा आस्था। लेकिन इस बार ये भीड़ एक और वजह से चर्चा में है, प्रशासन की सख्त और समय से पहले शुरू हुई तैयारियों के चलते।
सावन माह की शुरुआत इस बार 11 जुलाई दिन शुक्रवार से हो रही है। मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्गों, बाजारों, भोजनालयों और कांवड़ यात्रा के सभी रास्तों पर सफाई, ट्रैफिक, स्वास्थ्य और खानपान की व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है। बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र में स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना तय है और इसे देखते हुए जिला प्रशासन और खाद्य विभाग ने अपनी कमर कस ली है।
खाद आयुक्त शैलेंद्र कुमार ने इस अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर कांवड़ यात्रा मार्गों पर होटल, ढाबों और फूड स्टॉल्स का निरीक्षण शुरू हो चुका है। हर दुकानदार को यह निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्रतिष्ठान पर रेट बोर्ड लगाए, प्रोपराइटर का नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से चस्पा करे। खानपान और हाइजीन में कोई ढील नहीं दी जाएगी। शैलेंद्र कुमार के अनुसार यह सब सिर्फ नियमों की खानापूर्ति नहीं बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इस बार खास बात यह है कि खाद्य विभाग ने एक आधुनिक तकनीकी व्यवस्था भी शुरू की है “फूड सेफ्टी कनेक्ट एप“।
इस ऐप के तहत हर दुकान पर एक स्टीकर चस्पा किया जा रहा है, जिसमें एक क्यूआर कोड होता है। ग्राहक जैसे ही उसे स्कैन करेंगे, उन्हें उस दुकान का प्रोपराइटर कौन है, लाइसेंस की श्रेणी क्या है, किन खाद्य पदार्थों की अनुमति है, यह सारी जानकारी मोबाइल पर मिल जाएगी। कई बार देखा गया है कि दुकानदार जिस चीज़ का लाइसेंस नहीं रखते, उसे भी खुले में बेचते हैं। अब वह सब बच नहीं पाएगा। शैलेंद्र कुमार का कहना है कि यह स्टिकर हर प्रतिष्ठान पर चस्पा किया जा रहा है ताकि उपभोक्ता खुद निगरानी कर सकें। कांवड़ यात्रा में आने वाला हर व्यक्ति प्रशासन की प्राथमिकता है।
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