बुलडोजर एक्शन का अगला निशाना? जानें कौन है बरेली हिंसा का असली मास्टरमाइंड तौकीर रज़ा

Bulldozer Action: "आई लव मोहम्मद” प्रदर्शन के तनाव में मौलाना तौकीर रजा को हिंसा की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने भी इस मामले में कार्रवाई तेज कर बुलडोजर एक्शन का संकेत दिया है।

Manu Shukla
Published on: 30 Sept 2025 9:43 PM IST
taukeer raza
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I Love Muhammad Controversy: उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को ‘I Love Mohammad’ कैंपेन के समर्थन में एक बड़े प्रदर्शन का आयोजन हुआ, जिसमें प्रशासन एवं प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें हुईं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को नियंत्रित किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसके तुरंत बाद सियासत गरमाई और हिंसा के मुख्य कथित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई। इस बीच मुख्य फोकस मौलाना तौकीर रजा खान पर रखा गया है, जिन्हें बरेली पुलिस ने कथित हिंसा की योजना बनाने का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?

पुलिस ने उन्हें हिंसा का मास्टरमाइंड ठहराया है। तौकीर रजा बरेलवी सुन्नी समुदाय के प्रमुख धार्मिक हस्तियों में गिने जाते हैं, और बरेली क्षेत्र में उनका धार्मिक एवं सामाजिक प्रभाव काफी माना जाता है। वे महान सूफी शेख अहमद रज़ा खान (आला हज़रत) के वंशज हैं। उनकी छोटी बरोबर पहचान यह है कि वे मौलाना सुब्हान रज़ा खान के छोटे भाई हैं, जो बरेली दरगाह के गद्दी-नशीं (संरक्षक) हैं।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और आईएमसी

तौकीर रजा के पिता, रेहान खान, कांग्रेस के पूर्व MLC रह चुके हैं और वे दो दशकों से अधिक समय से राजनीति से जुड़े रहे। वर्ष 2001 में उन्होंने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) की स्थापना की। IMC ने बरेली में अपनी राजनीतिक पहचान बनाई, हालांकि इसे व्यापक स्तर पर विस्तार देने में कई चुनौतियाँ आईं। IMC के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता नफीस खान बताते हैं कि तौकीर रजा कभी भी किसी मुख्यधारा की पार्टी से जुड़े नहीं, पर उन्होंने समय-समय पर कांग्रेस, सपा, बसपा आदि राजनीतिक दलों को समर्थन दिया। IMC ने 2001 के नगर निगम चुनावों में शुरुआत की, जहां उसे कुछ सीटें मिलीं। इस जीत ने शहर स्तर पर संगठन को एक पहचान दी, लेकिन विस्तार सीमित रहा।

राजनीतिक प्रभाव

तौकीर रजा ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में समय-समय पर दलों को समर्थन दिया। 2007 में उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया, बाद में सपा से गठबंधन किया। एक समय वे बसपा समर्थक भी रहे। नफीस खान का कहना है कि यह राजनीतिक चालबाज़ी तौकीर रजा की रणनीतिक भूमिका को दर्शाती है। 2012 में IMC ने 12 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे, और भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की। उस समय सरकार में सपा के नेतृत्व की टीम ने तौकीर को उत्तर प्रदेश हथकरघा निगम का उपाध्यक्ष बनाया, जिसे राज्य मंत्री के बराबर दर्जा मिला। लेकिन सितंबर 2014 में, उन्होंने सपा सरकार पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया।

आरोपों का विवरण

तौकीर रजा पर कई विवादों का बोझ है। शुक्रवार की हिंसा से जुड़े दस मामलों में से सात में उन पर खिलाफ भाषण, भीड़ उकसाने और समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया गया है। इस घटना से पहले भी उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। 2010 में मायावती सरकार के दौरान बरेली पुलिस ने उन्हें ईद मिलादुन्नबी जुलूस में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस समय दंगे के बाद कर्फ्यू लगाया गया और कई हिस्सों में तनाव फैला। बाद में कोर्ट ने रिपोर्ट में कहा कि पर्याप्त सबूत नहीं मिले और उन्हें क्लीन चिट दी गई। 2023 में मुरादाबाद पुलिस ने एक सभा में उनकी टिप्पणी पर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने हिंदू राष्ट्रवादियों की आलोचना की थी। उसी साल बरेली पुलिस ने उनकी नजरबंदी की थी, जब उन्होंने गौरक्षकों द्वारा लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ मार्च की घोषणा की थी। उन्होंने मस्जिदों एवं मदरसों की सुरक्षा तथा समुदायों के बीच फूट डालने वाले संगठनों पर कार्रवाई की मांग की थी।

गिरफ्तारी और आगे की प्रक्रिया

हिंसा के आरोपों के बाद पुलिस ने तौकीर रजा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने कहा है कि मामले की गहन जांच होगी, साक्ष्यों का विश्लेषण किया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई होगी। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सिर्फ एक धार्मिक आंदोलन नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाओं का केंद्र बन गया है। बरेली की सियासत पर इसका असर गहरा बना हुआ है और आगे की घटनाएँ पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं।

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Manu Shukla

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I'm Manu Shukla, a journalist based in Lucknow with roots in a small village. Driven by creativity, hard work and honesty, I aim to bring a fresh perspective to journalism. I've previously worked with Jan Express, a Lucknow-based news channel, and have now embarked on an enriching learning journey with Newstrack.

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