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Chandauli News: नहर टूटने से 250 एकड़ फसल बर्बादः किसानों का फूटा गुस्सा, सड़क जाम
Chandauli News: नरायनपुर पंप कैनाल चंदौली जिले की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जो हजारों एकड़ कृषि भूमि को सींचती है।
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Chandauli News: चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र में शनिवार की सुबह किसानों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। गोधना गांव के पास नरायनपुर पंप कैनाल की मुख्य नहर का तटबंध अचानक टूट गया, जिसके कारण लगभग 250 एकड़ फसलें पानी में डूब गईं। खेतों से होता हुआ पानी धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों तक पहुंचने लगा, जिससे किसानों में भारी आक्रोश फैल गया। अपनी मेहनत को आंखों के सामने बर्बाद होते देख किसानों ने तुरंत सड़क जाम कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने का प्रयास करने लगे।
लापरवाही की कहानीः आवश्यकता से अधिक पानी और जर्जर तटबंध
नरायनपुर पंप कैनाल चंदौली जिले की एक महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है, जो हजारों एकड़ कृषि भूमि को सींचती है। लेकिन इस बार यही नहर किसानों के लिए तबाही का कारण बन गई। बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात को विभागीय कर्मचारियों द्वारा नहर में आवश्यकता से अधिक पानी छोड़ दिया गया था।
इसी लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि शनिवार सुबह औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 के पास नहर का पानी ओवरफ्लो होने लगा। गोधना गांव के पास पहले से ही जर्जर तटबंध इस दबाव को झेल नहीं पाया और टूट गया। देखते ही देखते पानी की तेज धारा खेतों और रिहायशी इलाकों में घुस गई, जिससे चारों ओर अफरा-तफरी मच गई।
किसानों का आरोपः पहले भी दी गई थी चेतावनी
ग्रामीणों का आरोप है कि तटबंध की स्थिति लंबे समय से खराब थी और इसकी मरम्मत के लिए कई बार विभाग से गुहार लगाई गई थी, लेकिन इन चेतावनियों को अनदेखा कर दिया गया। हादसे के बाद गांव में मातम सा छा गया है। किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे वे सदमे में हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि तटबंध से पानी पहले भी कई बार ऊपर से बह चुका है, लेकिन विभाग ने कभी भी कोई स्थायी समाधान नहीं किया।
मुआवजे की मांगः “हमारी पूरी मेहनत बर्बाद हो गई“
पीड़ित किसान रामेश्वर यादव ने दर्द साझा करते हुए बताया, “हमने रात में ही नहर का जलस्तर बढ़ने की सूचना दे दी थी, लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया। अब हमारी पूरी मेहनत बर्बाद हो गई है। अगर हमें मुआवजा नहीं मिला, तो हम सब आंदोलन करेंगे।“ महिला किसान कमला देवी ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उनके खेत में तैयार धान की पूरी फसल पानी में डूब गई है और अब उनके लिए जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।
वहीं, अधिशासी अभियंता रवि मिश्रा ने कहा कि विभागीय टीम मौके पर पहुंच चुकी है और मरम्मत कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने बताया कि सभी पंपों को बंद कर दिया गया है ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके। यह देखना होगा कि क्या प्रशासन किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाता है।
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