Chandauli News: बहेलिया बंधी टूटी: किसानों की धान की फसल और मुर्गी के सैकड़ों चूजे पानी में डूबे

Chandauli News: कई बार बंधी की मरम्मत के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया, जिसका नतीजा आज यह तबाही है।

Sunil Kumar
Published on: 24 Aug 2025 10:22 PM IST
Bahelia Bandhi Tooti: Hundreds of farmers’ rice crop and poultry drowned
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बहेलिया बंधी टूटी: किसानों की धान की फसल और मुर्गी के सैकड़ों चूजे पानी में डूबे (Photo- Newstrack)

Chandauli News: जिले के चकिया तहसील क्षेत्र में, बहेलिया बंधी का तटबंध टूटने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। इस घटना में न सिर्फ सैकड़ों बीघा धान की फसल बर्बाद हो गई, बल्कि एक मुर्गी फार्म में पल रहे सैकड़ों चूजों की भी मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि उन्होंने कई बार बंधी की मरम्मत के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया, जिसका नतीजा आज यह तबाही है।


बारिश का कहर और विभागीय अनदेखी

रामपुर, खोरी और जगदीशपुर सहित आसपास के कई गाँवों के किसान लंबे समय से बहेलिया बंधी की कमजोर हालत को लेकर चिंतित थे। उन्होंने सिंचाई विभाग को कई बार लिखित और मौखिक रूप से सूचना दी थी कि तटबंध कमजोर हो रहा है और भारी बारिश में टूट सकता है। लेकिन, अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने तटबंध पर दबाव बढ़ा दिया, और आखिरकार रविवार को यह बंधी टूट गई।

किसानों की मेहनत डूबी

बंधी टूटने के बाद इसका पानी तेजी से खेतों में फैल गया। जिन खेतों में धान की फसल लहलहा रही थी, वे अब पानी के अथाह सागर में तब्दील हो गए हैं। किसानों ने खाद और बीज के लिए जो कर्ज लिया था, वह सब पानी में बह गया है। इस बर्बादी ने किसानों के परिवारों के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इसी दौरान, मृत्युंजय यादव के मुर्गी फार्म में भी पानी घुस गया, जिससे हजारों चूजों की मौत हो गई, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।


प्रशासन की कार्रवाई और किसानों की मांग

बंधी टूटने की खबर मिलते ही प्रशासन हरकत में आया।जिलाधकारी चंद्र मोहन गर्ग व पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के साथ उप जिलाधिकारी चकिया मौके पर पहुंचे और तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। टूटे हुए तटबंध की मरम्मत के लिए जेसीबी और मजदूर लगाए गए हैं। प्रशासन ने किसानों को नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजा देने का भरोसा दिया है। हालांकि, किसानों का कहना है कि सिर्फ मुआवजा ही काफी नहीं है; जब तक बंधी की स्थायी और मजबूत मरम्मत नहीं होती, हर साल यही स्थिति बनी रहेगी। वे दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग कर रहे हैं।

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