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Chandauli News: विकास की कसौटी पर पिछड़े गांव: 'साहब' का दौरा और वादों की सौगात
Chandauli News: चंदौली के नौगढ़ क्षेत्र के होरीला और मंगरही गांवों में डीएम चंद्र मोहन गर्ग के निरीक्षण ने गांवों की बदहाली को उजागर किया।
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Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले का नौगढ़ इलाका, जहां विकास की किरणें अभी भी दूर की कौड़ी हैं। राजधानी और जिला मुख्यालय से दूर, पहाड़ों की गोद में बसे ये गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। इस अनदेखी की चादर को हटाने के लिए अब खुद जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने मोर्चा संभाला है। उनका औचक निरीक्षण सिर्फ एक दौरा नहीं, बल्कि उन व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान है, जो इतने सालों से इन गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने में नाकाम रही हैं। होरीला और मंगरही जैसे गांव, जहां के निवासियों के लिए घर, बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें महज एक सपना हैं, वहां की जमीनी हकीकत ने सिस्टम के दावों की पोल खोल दी है।
अंधेरे में डूबे गांव, प्यासी सड़कें
जिलाधिकारी ने जब होरीला गांव में कदम रखा, तो ग्रामीणों का दर्द जुबान पर था। पीढ़ी-दर-पीढ़ी बिजली, पानी और पक्की सड़कों के अभाव में जीवन गुजारने वाले इन लोगों ने अपनी व्यथा सुनाई। राशन की दुकान के लिए मीलों का सफर, इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं, और छत के अभाव में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर परिवार... ये वो सवाल हैं, जिनके जवाब दशकों से ढूंढे जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने तत्काल आवास, बिजली और शुद्ध पेयजल के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। यह निर्देश केवल कागजी कार्रवाई न बने, इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह के भीतर पात्र लोगों की सूची तैयार करने का अल्टीमेटम भी दिया है।
उम्मीदों पर टिकी मोबाइल यूनिट और नेटवर्क की तलाश
ग्रामीणों की स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू करने का आदेश दिया, जो इन दूरस्थ क्षेत्रों में संजीवनी का काम करेगी। इसी तरह, मंगरही गांव में सिंचाई की कमी और जल जीवन मिशन के तहत खोदे गए गड्ढों से उत्पन्न हुई परेशानी को भी उन्होंने गंभीरता से लिया। सबसे बड़ी चुनौती, मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता, जिस पर उन्होंने जल्द निदान का वादा किया। यह समस्या आज के डिजिटल युग में इन गांवों को पूरी दुनिया से काट कर रखती है।
जब तक व्यवस्था पटरी पर न आए, निरीक्षण जारी रहेगा
निरीक्षण के बाद, जिलाधिकारी का यह बयान व्यवस्था पर एक जोरदार तमाचा है कि अधिकारी ऐसे दूरस्थ गांवों का दौरा करें, जो अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने साफ किया कि वे स्वयं भी हर बार नौगढ़ आने पर ऐसे कम से कम दो गांवों का जायजा लेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वादे केवल वादे न रह जाएं, बल्कि उन पर अमल भी हो। उनका यह कदम उन लापरवाह अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है, जो दशकों से फाइलों में विकास की इबारत लिखते रहे हैं, जबकि असलियत में गांव बदहाली का शिकार हैं। अब देखना यह है कि ये कड़े निर्देश जमीनी हकीकत में कितनी तेजी से बदलाव लाते हैं।
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