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Chandauli News: विकास की बत्ती गुल! चकिया का विभूति नगरः 15 साल, मूलभूत सुविधाओं का अकाल
Chandauli News: विभूति नगर में पिछले डेढ़ दशक में लगभग आधा दर्जन से अधिक घर बन गए हैं, जिनमें कई परिवार अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि विकास की रोशनी यहाँ तक नहीं पहुँच पाई है।
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Chandauli News: विकास के तमाम दावों और वादों के बीच, उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के चकिया नगर पंचायत का वार्ड नंबर 9, विभूति नगर, एक कड़वी सच्चाई बयां कर रहा है। यह इलाका पिछले 15 वर्षों से विकास की दौड़ में हाशिए पर खड़ा है, जहाँ बुनियादी सुविधाओं की कमी ने यहाँ के निवासियों के जीवन को दूभर बना दिया है। नगर पंचायत की सीमा में होने के बावजूद, विभूति नगर आज भी सड़क, नाली और सीवर जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए तरस रहा है, मानो जनप्रतिनिधियों ने इस ओर से अपनी आँखें मूंद ली हों।
विभूति नगर में पिछले डेढ़ दशक में लगभग आधा दर्जन से अधिक घर बन गए हैं, जिनमें कई परिवार अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन विडंबना यह है कि विकास की रोशनी यहाँ तक नहीं पहुँच पाई है। पीने के पानी के लिए सप्लाई लाइन का अभाव और जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण, यहाँ के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब घरों में तीन फीट तक पानी भर जाता है। इस जलभराव से गंदगी और बदबू फैलती है, जिससे बीमारियों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है।
मूलभूत सुविधाओं का अभावः जीवन दूभर
स्थानीय निवासियों की मानें तो उनकी बस्ती में कई परिवार निवास करते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के नाम पर यहाँ शून्य है। “बरसात में तो हमारे घरों में तीन-तीन फीट पानी भर जाता है,“ एक स्थानीय निवासी ने बताया। “गंदगी और बदबू के कारण जीना मुश्किल हो जाता है। नगर पंचायत वाले सिर्फ टैक्स वसूलने आते हैं, लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं।“ जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण, लोग अपने घरों से निकलने वाले गंदे पानी को बगल की खाली जमीन में बहाने के लिए विवश हैं, जिससे वहाँ भी गंदगी का अंबार लग गया है।
जनप्रतिनिधियों से निराशाः शिकायतों का नहीं हुआ समाधान
वार्डवासियों का साफ आरोप है कि नगर पंचायत प्रशासन केवल टैक्स वसूली में सक्रिय है, जबकि नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रहा है। उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराया, लेकिन उनकी शिकायतों पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि जिम्मेदार लोगों ने इस क्षेत्र की समस्याओं को अनदेखा करने की कसम खा ली है।
स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोलता विभूति नगर
एक तरफ जहाँ शासन-प्रशासन स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर में स्वच्छता अभियान चलाकर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, वहीं दूसरी ओर विभूति नगर की दयनीय स्थिति इन सभी योजनाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करती है। यहाँ की हालत देखकर ऐसा लगता है कि स्वच्छ भारत मिशन केवल कागजों पर ही चल रहा है और जमीनी स्तर पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है। विभूति नगर के निवासी आज भी उस विकास की राह देख रहे हैं, जो शायद कभी उन तक पहुँचेगी। जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण, यह वार्ड मूलभूत सुविधाओं के लिए एक लंबा इंतजार कर रहा है।
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