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Chandauli News: कर्मनाशा नदी के सर्पदंश से एक और जीवन छीना, गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

Chandauli News: नौगढ़ के बाघी गांव में 48 वर्षीय लोकू बनवासी की मौत, सुरक्षा प्रबंधों की कमी उजागर

Sunil Kumar
Published on: 29 Jun 2025 10:13 PM IST (Updated on: 29 Jun 2025 11:04 PM IST)
Chandauli News
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Chandauli News (Social Media image)  

Chandauli News: नौगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बाघी के कहुहवा घाट स्थित मुसहर बस्ती में उस समय मातम छा गया, जब 48 वर्षीय लोकू बनवासी की सर्पदंश से दर्दनाक मृत्यु हो गई। यह घटना एक बेहद गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटी है, जिसने एक बार फिर क्षेत्र में वन्यजीवों के खतरे और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है।

बेबस परिवार, पीछे छूटी एक बेटी:

मृतक लोकू बनवासी की पत्नी का देहांत करीब चार-पांच साल पहले हो चुका था। उनके पीछे अब केवल एक बेटी तारा ही बची है, जिसकी शादी सोनभद्र के भुसौलिया रामगढ़ पन्नूगंज में हुई है। तारा ही अब अपने पिता की एकमात्र वारिस है, जिसके ऊपर यह वज्रपात हुआ है।

शाम की खामोशी बनी अनहोनी का संदेश:

घटना की जानकारी तब हुई जब शाम को गांव के लोगों ने लोकू को आवाज दी, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। अनहोनी की आशंका में जब ग्रामीण घर में दाखिल हुए तो उन्होंने लोकू को मृत अवस्था में पाया। तत्काल इसकी सूचना ग्राम प्रधान नीलम ओहरी को दी गई।

प्रधान प्रतिनिधि ने दिखाई संवेदनशीलता:

सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आशीष कुमार उर्फ दीपक गुप्ता तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की मदद से लोकू को नजदीकी नौगढ़ के अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई, जो मौके पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है।

परदेश में बेटी, गमगीन तैयारी घर लौटने की:

मृतक लोकू की बेटी तारा अपने सास-ससुर और पति के साथ पंजाब में रहकर मेहनत-मजदूरी करती है। पिता की मृत्यु की खबर मिलते ही वह गहरे सदमे में है और अब वहां से अपने गांव वापस आने की तैयारी कर रही है ताकि अंतिम संस्कार में शामिल हो सके।

मुश्किल घड़ी में मददगार बने प्रधान प्रतिनिधि:

इस दुख की घड़ी में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि आशीष कुमार उर्फ दीपक गुप्ता मृतक के अंतिम क्रिया-कर्मों और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं, ताकि शोकाकुल परिवार को कुछ सहारा मिल सके। यह घटना एक बार फिर क्षेत्र में वन्यजीवों के खतरे और गरीब परिवारों की असहायता को उजागर करती है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

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