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Chandauli News: "जब सिस्टम ने किया अनदेखा, तब लौंदा गांव के ‘भैया अजय’ बने मसीहा"
Chandauli News: गांव के सीमांत किसान अजय यादव ने जनता की समस्या को अपनी जिम्मेदारी समझा। उन्होंने ट्रैक्टरों से ईंट और गिट्टी मंगवाकर खुद काम शुरू करवाया और रास्ता दुरुस्त कराया।
Chandauli News
Chandauli News: चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर तहसील क्षेत्र के लौंदा गांव में जब सरकारी तंत्र ने आंखें मूंद लीं, तब एक सीमांत किसान और समाजसेवी अजय यादव ने खुद कमान संभाली। गांव के जर्जर रास्ते को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने निजी खर्च से ईंट-गिट्टी मंगवाकर गड्ढों को भरवाया और आमजन को राहत दिलाई। ग्रामीणों की नजर में अब वे किसी जनप्रतिनिधि से कम नहीं, बल्कि असली हीरो बनकर उभरे हैं।
गड्ढों से राहत, अब रास्ता साफ
लौंदा गांव को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग लंबे समय से बदहाल था। जगह-जगह गड्ढे, बारिश का भरा पानी और कीचड़ के चलते स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही थी। प्रशासन और पीडब्ल्यूडी को कई बार अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं निकला।
कोई नहीं सुना, तो अजय ने उठाई जिम्मेदारी
गांव के सीमांत किसान अजय यादव ने जनता की समस्या को अपनी जिम्मेदारी समझा। उन्होंने ट्रैक्टरों से ईंट और गिट्टी मंगवाकर खुद काम शुरू करवाया और रास्ता दुरुस्त कराया। ग्रामीणों ने बताया कि अजय यादव ने बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के यह पहल की।
जनप्रतिनिधि गायब, ‘भैया अजय’ सबसे आगे
गांववालों का कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय नजर आते हैं। बाकी समय वे गांव की समस्याओं से दूर रहते हैं। लेकिन अजय यादव ने बिना किसी पद और पहचान के जो किया, वह एक मिसाल बन गया।
राजनीति से दूर, सेवा से जुड़ाव
अजय यादव खुद को सिर्फ एक किसान मानते हैं। उन्होंने साफ कहा कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। वे बस गांव और जरूरतमंदों की सेवा में ही खुश हैं।
गांव में ‘भैया अजय’ की जय-जयकार
आज लौंदा गांव में हर कोई उन्हें ‘भैया अजय’ कहकर सम्मान दे रहा है। ग्रामीणों की नजर में वे एक नायक हैं—एक ऐसे समय में जब व्यवस्था मौन थी, उन्होंने काम कर दिखाया।
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