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Chandauli: चंदौली में विधायक रमेश जायसवाल और सुशील सिंह ने मिलकर किया बाल वाटिका का भव्य शुभारंभ
Chandauli News: यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव था, जहाँ शिक्षा, संस्कार और भविष्य के सपनों का संगम देखने को मिला।
चंदौली में विधायक रमेश जायसवाल और सुशील सिंह ने मिलकर किया बाल वाटिका का भव्य शुभारंभ (photo : social media )
Chandauli News: चंदौली की धरा पर, शिक्षा की नई सुबह का उदय हुआ। यह सुबह लाई है, उम्मीदों की नई किरणें उन नन्हे-मुन्नों के लिए, जो कल के भारत का भविष्य हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के विधायक, रमेश जायसवाल और सैयदराजा के विधायक, सुशील सिंह के प्रयासों से जिले के दो अलग-अलग विद्यालयों में बाल वाटिका का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव था, जहाँ शिक्षा, संस्कार और भविष्य के सपनों का संगम देखने को मिला।
इस पहल का उद्देश्य उन बच्चों को तैयार करना है जो अभी तक विद्यालय के औपचारिक माहौल से दूर हैं। तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए यह एक ऐसा खिलौना घर है, जहाँ वे खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करेंगे। यह एक ऐसी बगिया है, जहाँ वे खिलेंगे, महकेंगे और प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार होंगे। यह एक ऐसा मंच है, जहाँ बचपन की मासूमियत और सीखने की ललक एक-दूसरे से गले मिल रही हैं।
बाल वाटिका की शुरुआत और बच्चों का मनमोहक प्रदर्शन
प्राथमिक विद्यालय बरहुली का वातावरण उत्सवपूर्ण था। बेसिक शिक्षा विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक रमेश जायसवाल ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कठौरी संकुल के विभिन्न विद्यालयों से आए बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उनकी मधुर सरस्वती वंदना, आकर्षक स्वागत गीत और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सबसे ज़्यादा सराहना मिली बाल वाटिका के नन्हे-मुन्नों को। उन्होंने अच्छे व्यवहार और आदतों पर आधारित एक लघु नाटिका प्रस्तुत की और ‘प्यासे कौवे’ की कहानी सुनाई। उनका यह प्रयास इतना हृदयस्पर्शी था कि उपस्थित सभी गणमान्य लोगों, अधिकारियों और अभिभावकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह बढ़ाया। विधायक रमेश जायसवाल ने इन नन्हें कलाकारों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
शिक्षा अधिकारियों का विस्तृत मार्गदर्शन
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बाल वाटिका के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि बाल वाटिका क्यों ज़रूरी है, इसका क्या उद्देश्य है और यह बच्चों के भविष्य के निर्माण में कैसे सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि यह बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश से पहले की तैयारी कराती है, जिससे वे बिना किसी कठिनाई के औपचारिक शिक्षा प्रणाली में शामिल हो सकें। उन्होंने ‘स्कूल रेडीनेस प्रोग्राम’ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी, जिससे अभिभावकों को इस कार्यक्रम की उपयोगिता और महत्त्व समझ आया।
विधायक रमेश जायसवाल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों, अध्यापकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन सभी के अथक प्रयासों से ही चंदौली में बच्चों के नामांकन और स्कूल में ठहराव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अभिभावक-शिक्षक बैठकों में माता-पिता की भागीदारी बढ़ाई जाए, ताकि वे अपने बच्चों की शैक्षिक प्रगति को समझ सकें। उन्होंने बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
ओदरा में बाल वाटिका का भव्य आयोजन
इसी दिन, कंपोजिट विद्यालय ओदरा में भी एक ऐसा ही भव्य आयोजन हुआ, जहाँ सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ विकासखंड के प्रमुख अजय सिंह भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली ने यहाँ भी अपनी बात रखी और कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर संचालित बाल वाटिका के बच्चे अगले वर्ष प्राथमिक विद्यालय की कक्षा एक में नामांकित होंगे, इसलिए इनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
उन्होंने ग्रामवासियों से आग्रह किया कि वे अपने 3 से 6 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों पर भेजें, ताकि वे खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सीखें और शिक्षा के प्रति रुचि विकसित कर सकें। विधायक सुशील सिंह ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के सपने को दोहराया कि गाँव के हर बच्चे को शिक्षित होकर न सिर्फ़ अपने परिवार, बल्कि अपने गाँव, ज़िले और प्रदेश का नाम रोशन करना है।
विधायक निधि से होगा विद्यालयों का विकास
विधायक सुशील सिंह ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विद्यालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं को जल्द से जल्द पूरा करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई सुविधा उनके स्तर से पूरी नहीं हो पाती है, तो वह उसे अपनी विधायक निधि से पूरा करेंगे। उन्होंने ग्रामवासियों से अनुरोध किया कि वे शिक्षा के अधिकार का लाभ उठाएं, जो सरकार द्वारा नि:शुल्क प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को केवल पढ़ने-लिखने की सामग्री ही नहीं, बल्कि खेल-कूद के सामान भी दिए जा रहे हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी ने ओदरा विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह विद्यालय ‘निपुण’ होने के साथ-साथ खेलकूद में भी उत्कृष्ट है और प्रदेश स्तर पर अपना नाम बना चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका पूरा प्रयास रहता है कि उनके विकासखंड के सभी परिषदीय विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र उत्कृष्ट रूप से संचालित हों।
इस तरह, चंदौली में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है, जहाँ जनप्रतिनिधि, अधिकारी और शिक्षक मिलकर बच्चों के भविष्य को संवारने में लगे हैं। यह पहल शिक्षा को केवल एक पाठ्यक्रम तक सीमित न रखते हुए, उसे जीवन का एक हिस्सा बना रही है, जहाँ बच्चे हँसते-खेलते हुए आगे बढ़ेंगे और देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।
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