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Chandauli News:महामना की विरासत को नई उड़ान: शिक्षा और संस्कार का 'डॉ. सत्या होप टॉक' अभियान
Chandauli News: पंडित मदन मोहन मालवीय यानी 'महामना' के सपनों का भारत कैसा था? एक ऐसा राष्ट्र जहाँ शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न हो, बल्कि संस्कार और नैतिक मूल्यों की भी नींव मजबूत हो।
Chandauli Education Campaign
Chandauli News: भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय यानी 'महामना' के सपनों का भारत कैसा था? एक ऐसा राष्ट्र जहाँ शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न हो, बल्कि संस्कार और नैतिक मूल्यों की भी नींव मजबूत हो। इसी सोच को साकार करने के लिए एक अनूठा और महत्वाकांक्षी अभियान चलाया जा रहा है, जिसे काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आयुर्वेद वैज्ञानिक डॉ. सत्य प्रकाश ने "डॉ. सत्या होप टॉक" का नाम दिया है। यह अभियान महज एक पहल नहीं, बल्कि पिछले पाँच सालों से चल रही 365 दिनों की एक ऐसी कार्यशाला है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से समाज के हर वर्ग तक पहुँच रही है। इसका मकसद शिक्षा और संस्कारों के उन्नयन के साथ-साथ एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाना है।
महामना मानस संतति सम्मान: एक हजार एक लोगों को जोड़ने का संकल्प
इस अभियान के तहत "महामना मानस संतति सम्मान" कार्यशालाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें समाज के 1001 योग्य लोगों को चिन्हित करने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. सत्य प्रकाश का मानना है कि इन लगातार चलने वाली कार्यशालाओं के माध्यम से एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय उपक्रम तैयार होगा, जो "अच्छे मानव" और "अच्छे समाज" के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा। महामना का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ पढ़े-लिखे लोगों की भीड़ तैयार करना नहीं, बल्कि योग्य और संस्कारवान समाज की रचना करना भी है। यह अभियान इसी सिद्धांत पर आधारित है।
व्यक्तित्व विकास और सामाजिक समानता की दिशा में प्रयास
यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि कई मोर्चों पर काम कर रहा है। इसके अंतर्गत 21 से अधिक कार्यक्रम 200 से ज्यादा कर्मठ विद्वानों के संरक्षण में चल रहे हैं। ये कार्यक्रम व्यक्तित्व विकास, स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव को खत्म करने, सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल और मानसिक अवसाद को कम करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित हैं। हजारों पढ़े-लिखे लोग इन गतिविधियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। इस अभियान का एक मुख्य हिस्सा यह भी है कि अनेकों छिपी हुई प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें मंच दिया जा रहा है।
रिपोर्ट के रूप में तैयार हो रही है किताब, महामहिम को होगी भेंट
इस अभियान की सफलता और इसके द्वारा किए गए कार्यों का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक खास पहल की जा रही है। इन सभी कार्यों की एक समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे किताब का रूप दिया जाएगा। इस किताब को भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को भेंट करने की योजना है। इस पुस्तक में उन सभी शिक्षाविदों, समाजशास्त्रियों और समाजसेवियों के योगदान का उल्लेख होगा, जिन्होंने "महामना मानस संतति सम्मान" को ऊँचाई देने का सपना देखा है। टीम के सदस्य इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि इतना काम हो रहा है कि एक किताब में सब कुछ समेटना मुश्किल होगा, और इसकी कई सीरीज निकालनी पड़ सकती हैं। देश को उम्मीद है कि सरकार भी इस तरह के अनवरत प्रयासों को अपना समर्थन देकर इस नेक संकल्प को सम्मान देगी।
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