TRENDING TAGS :
उत्तर प्रदेश आम महोत्सव में कुमार विश्वास की प्रस्तुति ने मोहा मन, देशभक्ति और संस्कृति का मिला संगम
Lucknow News: अवध शिल्पग्राम में आयोजित विशेष सत्र की शुरुआत उन्होंने एक हास्य-व्यंग्य कविता से की, जिसने माहौल को हल्का-फुल्का और आनंददायक बना दिया। उन्होंने अपनी कविताओं में स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को जोड़ा और महात्मा गांधी, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे महापुरुषों को स्मरण करते हुए दर्शकों की भावनाओं को झकझोर दिया।
Dr. Kumar Vishwas at Mango Festival 2025 (Photo: SocialMedia)
Lucknow News: राजधानी लखनऊ में चल रहे उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025 के दूसरे दिन साहित्य, संगीत और सांस्कृतिक रंगों से सजे मंच पर प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी प्रस्तुति दी, तो हजारों दर्शकों की भीड़ मंत्रमुग्ध हो उठी। आम को केंद्र में रखकर देशभक्ति, भारतीय संस्कृति और आत्मगौरव से ओतप्रोत कविताओं की रसधार बहाते हुए कुमार विश्वास ने अपनी चिरपरिचित शैली में श्रोताओं के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।
आम भारतीय आत्मा की मिठास
अवध शिल्पग्राम में आयोजित विशेष सत्र की शुरुआत उन्होंने एक हास्य-व्यंग्य कविता से की, जिसने माहौल को हल्का-फुल्का और आनंददायक बना दिया। इसके बाद उन्होंने आम को केवल एक फल नहीं, भारतीय आत्मा की मिठास और धरती मां की मुस्कान बताया। जब उन्होंने यह पंक्ति पढ़ी "जिसे अंग्रेज समझ न सके, वही तो असली हिंदुस्तानी आम है, तो पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा। विश्वास ने न सिर्फ आम की विविधताओं पर रोचक अंदाज में चर्चा की, बल्कि आम के बहाने भारतीयता, किसान जीवन और आत्मनिर्भर भारत के विचारों को भी छू लिया।
दर्शकों की भावनाओं को झकझोरा
उन्होंने अपनी कविताओं में स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को जोड़ा और महात्मा गांधी, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे महापुरुषों को स्मरण करते हुए दर्शकों की भावनाओं को झकझोर दिया। आम महोत्सव में देशभर से आए सैंकड़ों किस्मों के आमों के बीच यह सांस्कृतिक प्रस्तुति एक भावनात्मक और बौद्धिक उत्सव में बदल गई। वहां विभिन्न आयु वर्गों के लोग, खासकर युवा, बड़ी संख्या में उपस्थित थे और कवि की हर पंक्ति पर जोशीले अंदाज में प्रतिक्रिया दे रहे थे।
कोई दीवाना कहता है का अभिवादन
इस कार्यक्रम के अंत में कवि ने अपनी प्रसिद्ध पंक्ति "कोई दीवाना कहता है" सुनाई तो श्रोता देर तक तालियों से उनका अभिवादन करते रहे। उत्तर प्रदेश आम महोत्सव का यह सत्र इस बात का प्रतीक बन गया कि परंपरा, साहित्य और समकालीन चिंतन मंच पर मिलते हैं, तो एक नई सांस्कृतिक ऊर्जा का संचार होता है। आयोजकों ने कुमार विश्वास की प्रस्तुति को महोत्सव का सांस्कृतिक शिखर बिंदु बताया और आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को जारी रखने का संकेत दिया।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!