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Chandauli News: जंगल की ज़मीन पर विवाद: ग्रामीणों ने उठाया लेखपाल के खिलाफ मोर्चा
Chandauli News: चंदौली जिले में, नौगढ़ तहसील के इमिलियाडीह गांव के ग्रामीणों और एक हल्का लेखपाल के बीच जंगल की ज़मीन को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है।
Chandauli land dispute
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में, नौगढ़ तहसील के इमिलियाडीह गांव के ग्रामीणों और एक हल्का लेखपाल के बीच जंगल की ज़मीन को लेकर एक गंभीर विवाद सामने आया है। दशकों से जिस ज़मीन पर ग्रामीण पीढ़ी दर पीढ़ी रह रहे हैं, उसे लेखपाल द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से किसी और को मापा जा रहा है और पिलर गाड़े जा रहे हैं। इस अन्याय के खिलाफ, बुधवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण उप जिलाधिकारी (एसडीएम) कार्यालय पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। यह घटना सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है और गरीब ग्रामीणों की ज़मीन की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती है।
जब ग्रामीणों ने सुनाया अपना दर्द
एसडीएम कार्यालय के बाहर उमड़ी भीड़ को देखकर एसडीएम विकास मित्तल ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि इमिलियाडीह मौजा में स्थित जिस ज़मीन पर वे वर्षों से रह रहे हैं, उसे लेखपाल देवेंद्र कुमार भूमिधरी ज़मीन बताकर मनमाने ढंग से माप रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि यह ज़मीन वास्तव में जंगल की है और न्यायालय अपर आयुक्त, वाराणसी ने 3 नवंबर 2024 को इसे जंगल के रूप में ही दर्ज किया था।
ज्ञापन में उठाई गई मांगें
ग्रामीणों ने एसडीएम को एक हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा। इसमें जयमोहनी गांव के शिवशंकर पांडेय और लक्ष्मण विश्वकर्मा सहित दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर थे। ज्ञापन में मुख्य रूप से यह मांग की गई है कि लेखपाल देवेंद्र कुमार पर बिना किसी कानूनी आदेश के ज़मीन मापने के आरोप में कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि इसी ज़मीन पर शिवशंकर पांडेय का पक्का मकान वन विभाग द्वारा पहले ही गिराया जा चुका है, फिर भी लेखपाल अवैध कब्ज़ा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह ज़मीन वास्तव में भूमिधरी है तो इसकी माप एसडीएम के आदेश से होनी चाहिए।
अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
एसडीएम से बातचीत के बाद, तहसीलदार अनुराग सिंह ने बाहर आकर बाकी ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी बात को समझा। ग्रामीणों ने अपना ज्ञापन उन्हें भी सौंपा। तहसीलदार ने सभी की मांगों को ध्यान से सुनने के बाद नियमों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस मौके पर शिवशंकर पांडेय, लक्ष्मण विश्वकर्मा, श्यामनारायण, राम सूरत, राम जन्म, सुभावती, सत्यकुमारी, इंद्रावती, बेला, गुलाबी, चमेला, आशा देवी समेत कई ग्रामीण मौजूद थे। यह मामला अब अधिकारियों की जाँच पर निर्भर है, जिससे यह तय होगा कि दशकों से रह रहे इन लोगों को न्याय मिलता है या नहीं।
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