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Chandauli News: ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत DDU आरपीएफ ने तीन नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित बचाया
Chandauli News: सोमवार, 28 जुलाई 2025, को डीडीयू जंक्शन पर "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के अंतर्गत आरपीएफ ने तीन नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उनके परिवारों तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया।
Chandauli News
Chandauli News: आज के दौर में, जब हर कोई अपनी ज़िंदगी की दौड़ में व्यस्त है, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि भटके हुए मासूम बच्चों के लिए भी एक मजबूत सहारा बनकर सामने आ रहा है।
सोमवार, 28 जुलाई 2025, को डीडीयू जंक्शन पर "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के अंतर्गत आरपीएफ ने तीन नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उनके परिवारों तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया। यह सिर्फ एक बचाव अभियान नहीं, बल्कि उन बच्चों के लिए नई उम्मीद है, जो किसी कारणवश अपने घरों से दूर हो जाते हैं।
अभियान की कार्यवाही कैसे हुई?
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में आरपीएफ पोस्ट डीडीयू की टीम सक्रिय हुई। इस टीम में उप-निरीक्षक सरिता गुर्जर, उप-निरीक्षक निशांत कुमार और अन्य बल सदस्य शामिल थे। साथ ही, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (AVA) की सहायक परियोजना अधिकारी श्रीमती चंदा गुप्ता ने भी अभियान में महत्वपूर्ण योगदान दिया।इस अभियान को "ऑपरेशन आहट" और "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत चलाया गया, जिसमें डीडीयू जंक्शन पर व्यापक सर्च अभियान चलाया गया।
गुस्से में घर से निकली थीं बच्चियां
अभियान के दौरान, आरपीएफ टीम को डीडीयू जंक्शन के सर्कुलेटिंग एरिया में दो नाबालिग लड़कियां अकेली घूमती मिलीं, जबकि एक अन्य लड़की प्लेटफॉर्म नंबर 7 के हावड़ा छोर पर पाई गई। पूछताछ में उन्होंने अपनी पहचान इस प्रकार बताई:
आयशा खातून (काल्पनिक नाम), उम्र लगभग 16 वर्ष, निवासी सहारनपुर
राबिया खातून (काल्पनिक नाम), उम्र लगभग 16 वर्ष, निवासी चंदौली
काजल कुमारी (काल्पनिक नाम), उम्र लगभग 13 वर्ष, निवासी अंबेडकर नगर
काउंसलिंग के दौरान, तीनों ने बताया कि वे अपने परिजनों की डांट-फटकार से नाराज होकर घर से निकल आई थीं।
सुरक्षित हाथों में सौंपा गया भविष्य
आरपीएफ ने तुरंत तीनों लड़कियों के परिजनों को सूचित किया। तत्पश्चात, उन्हें सुरक्षित रूप से चाइल्ड लाइन डीडीयू की ऑन-ड्यूटी महिला स्टाफ को सौंप दिया गया, जिससे कि वे जल्द से जल्द अपने परिवारों तक पहुंच सकें।यह घटना न सिर्फ आरपीएफ की सतर्कता, बल्कि बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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