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Chandauli News: आरपीएफ के 'ऑपरेशन नन्हे फ़रिश्ते' से डरी-सहमी दो नाबालिग बच्चियों को मिला नया सहारा
Chandauli News: डीडीयू जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। अपने विशेष अभियान ‘ऑपरेशन नन्हे फ़रिश्ते’ के तहत आरपीएफ ने दो डरी-सहमी नाबालिग लड़कियों को न सिर्फ़ सुरक्षित रोका, बल्कि उन्हें...
Chandauli News: डीडीयू जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। अपने विशेष अभियान ‘ऑपरेशन नन्हे फ़रिश्ते’ के तहत आरपीएफ ने दो डरी-सहमी नाबालिग लड़कियों को न सिर्फ़ सुरक्षित रोका, बल्कि उन्हें काउंसलिंग के बाद सुरक्षित परिजनों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाई। यह अभियान यह साबित करता है कि रेलवे स्टेशन केवल यातायात केंद्र नहीं, बल्कि मानवीय सहायता के भी केंद्र बनते जा रहे हैं।
कैसे सामने आई घटना?
शनिवार को करीब दोपहर 1:30 बजे, आरपीएफ डीडीयू पोस्ट की उपनिरीक्षक सरिता गुर्जर और एएसआई श्याम सुंदर सिंह यादव प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर चेकिंग अभियान चला रहे थे। पार्सल ऑफिस के पास उन्हें दो नाबालिग लड़कियां डरी हुई अवस्था में दिखाई दीं। दोनों की स्थिति पर संदेह होने पर टीम ने तुरंत उन्हें रोका और पूछताछ शुरू की।
मां की डांट से नाराज़ होकर घर से निकलीं
लड़कियों ने अपने नाम काजल कुमारी (16) और सना कुमारी (15) (बदले हुए नाम) बताए। दोनों बिहार के भभुआ थाना, कैमूर जिले की निवासी थीं। उन्होंने बताया कि वे अपनी मां की डांट से नाराज़ होकर घर से भाग निकली थीं।
आरपीएफ की तत्परता और संवेदनशीलता
दोनों को आरपीएफ पोस्ट लाकर काउंसलिंग की गई और परिजनों से संपर्क कर जानकारी दी गई। इसके बाद, लड़कियों को चाइल्ड लाइन डीडीयू की महिला स्टाफ को सौंप दिया गया ताकि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रूप से घर वापस भेजा जा सके। यह अभियान एक बार फिर आरपीएफ की सुरक्षा के साथ संवेदनशीलता की भूमिका को रेखांकित करता है। ‘ऑपरेशन नन्हे फ़रिश्ते’ जैसी पहलें यह सुनिश्चित करती हैं कि कोई भी बच्चा स्टेशन परिसर में असहाय और असुरक्षित न रह जाए।
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