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Chandauli News: वनांचल के नौगढ़ में शिक्षा की चुनौती: शहरी मोह में खाली रह गए एआरपी के पद
Chandauli News: शहरी और मैदानी इलाकों के आकर्षण के कारण नौगढ़ के कई शिक्षकों ने एआरपी के रूप में दूसरे ब्लॉकों का रुख कर लिया है, जिसके चलते इस दुर्गम क्षेत्र में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी हो गई है।
Chandauli News (Social Media)
Chandauli News: शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई सहायक संसाधन व्यक्ति (एआरपी) की पहल चंदौली जिले के वनांचल क्षेत्र नौगढ़ में चुनौतियों का सामना कर रही है। शहरी और मैदानी इलाकों के आकर्षण के कारण नौगढ़ के कई शिक्षकों ने एआरपी के रूप में दूसरे ब्लॉकों का रुख कर लिया है, जिसके चलते इस दुर्गम क्षेत्र में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी हो गई है।
एआरपी: शिक्षा की गुणवत्ता के सारथी
प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए सरकार द्वारा एआरपी के पदों का सृजन किया गया है। ये शिक्षक विद्यालयों में जाकर न केवल बच्चों को निपुण बनाते हैं, बल्कि उनकी भाषाई और गणितीय कमजोरियों को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, सकलडीहा, चंदौली के माध्यम से इनका चयन किया जाता है, जिसके लिए जिले के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे।
नौगढ़ के शिक्षकों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
नौगढ़ ब्लॉक के कई शिक्षकों ने भी एआरपी चयन प्रक्रिया में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इनमें से अधिकांश शिक्षकों का चयन विभिन्न विषयों में एआरपी के पद पर हुआ, जिससे उन्होंने अपने नौगढ़ ब्लॉक का नाम रोशन किया।उल्लेखनीय है कि गणित विषय में प्रवीण उपाध्याय ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर विशेष उपलब्धि हासिल की।उन्होंने सदर ब्लाक में अपनी पदस्थापना कराई है। इसके अतिरिक्त सर्वेश नंदन त्रिपाठी (गणित), प्रवीण पांडे (विज्ञान), राजकुमार त्रिपाठी (अंग्रेजी), रविंद्र गौतम (विज्ञान), रणविजय सिंह (सामाजिक अध्ययन), दिनेश यादव (गणित), दीपक केसरी (अंग्रेजी), संजीव सिंह (गणित) और अशोक (विज्ञान) जैसे शिक्षकों का भी चयन जिले के अन्य ब्लॉकों में हुआ। खास बात यह है कि नौगढ़ ब्लॉक से सर्वाधिक संख्या में शिक्षकों का एआरपी के लिए चयन हुआ था।
वनांचल को लगा झटका: शहरी क्षेत्रों में रुझान
हालांकि, नौगढ़ ब्लॉक के लिए यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। चयनित शिक्षकों में से अधिकांश ने अपनी पदस्थापना के लिए अन्य ब्लॉकों को प्राथमिकता दी। परिणामस्वरूप, नौगढ़ ब्लॉक को केवल दो विषयों - गणित (संजीव कुमार सिंह) और विज्ञान (अशोक) के ही एआरपी मिल सके।
महत्वपूर्ण विषयों में शिक्षकों की कमी
इस स्थिति के कारण नौगढ़ ब्लॉक में हिंदी, अंग्रेजी और सामाजिक अध्ययन जैसे महत्वपूर्ण विषयों के एआरपी के पद खाली रह गए हैं। वनांचल क्षेत्र होने के कारण यहां पहले से ही शिक्षकों की कमी महसूस की जाती रही है, और अब एआरपी के पदों का खाली रहना शिक्षा की गुणवत्ता को और भी प्रभावित कर सकता है। यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस चुनौती से कैसे निपटता है और नौगढ़ के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाता है।
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