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Chandauli News: नौगढ़ में 'वनराज' बेपत्ता! त्रस्त जनता, खतरे में जंगल
Chandauli News: दूर-दराज से उम्मीद की किरण लेकर पहुँचते हैं आदिवासी, वनवासी और आम आदमी अपनी जंगल की समस्याओं का हल पाने। मगर दफ्तर पहुँचते ही मिलती है निराशा।
Chandauli News
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली के नौगढ़ में वन विभाग का कार्यालय और आवास आजकल वीरान पड़ा है, मानो किसी राजा का महल सूना हो गया हो। वजह? यहाँ के क्षेत्रीय वन अधिकारी एस.के. श्रीवास्तव का लगातार गायब रहना। नियम तो कहते हैं कि साहब को मुख्यालय पर रहकर लोगों की वन संबंधी मुश्किलों को सुनना और सुलझाना चाहिए, लेकिन लगता है नौगढ़ में रात बिताना उनके नसीब में शायद लिखा ही नहीं!
अधिकारी 'आउट ऑफ स्टेशन', फरियादी दर-दर की ठोकर
दूर-दराज से उम्मीद की किरण लेकर पहुँचते हैं आदिवासी, वनवासी और आम आदमी अपनी जंगल की समस्याओं का हल पाने। मगर दफ्तर पहुँचते ही मिलती है निराशा।क्षेत्रीय वन अधिकारी हैं कि मिलते ही नहीं! कभी-कभार दर्शन देते भी हैं तो ऐसा लगता है मानो कई दिनों का काम एक ही दिन में निपटाकर नौगढ़ से तुरंत रवानगी करनी हो। ऐसे में आम लोगों की परेशानियां जस की तस रह जाती हैं।
जंगल पर अतिक्रमण का काला साया, वन्यजीवों का दर्दनाक पलायन
क्षेत्रीय वन अधिकारी की गैर-मौजूदगी का सीधा असर अब जंगल पर दिखने लगा है। उनकी निगरानी ढीली क्या हुई, जंगल में अवैध कब्ज़े की बाढ़ आ गई है। और इस अतिक्रमण का सबसे बुरा असर पड़ रहा है बेजुबान वन्यजीवों पर। उनके घर, उनका प्राकृतिकhabitat तेज़ी से छीना जा रहा है। मजबूर होकर ये पशु-पक्षी अब घनी आबादी वाले इलाकों की ओर भाग रहे हैं, जहाँ इंसान और जानवर के बीच संघर्ष की आग कभी भी भड़क सकती है।
मुख्यमंत्री के आदेशों की खुली चुनौती!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा है कि हर अधिकारी को अपने कार्यक्षेत्र में ही रहना होगा, ताकि जनता को समय पर सरकारी सेवाएं मिल सकें। लेकिन नौगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी तो मानो मुख्यमंत्री के इन निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं! उनका लगातार मुख्यालय से नदारद रहना सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना है। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक चलेगा यह सब? स्थानीय लोग अब बड़े अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि वे इस मामले में दखल दें और क्षेत्रीय वन अधिकारी की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराएं, ताकि उनकी वन संबंधी समस्याओं का समाधान हो और बेशकीमती जंगल को अतिक्रमण के नासूर से बचाया जा सके।
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