Chandauli News: नाम बड़े और दर्शन छोटे,रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए आज से चालू होंगी जनपद में रोडवेज की कुछ बसे

Chandauli News: चंदौली डिपो के नाम से लगभग 53 से अधिक बसे आवंटित है, लेकिन विडंबना यह है कि वर्तमान में जिले में इन बसों का आवागमन ठप है।

Ashvini Mishra
Published on: 8 Aug 2025 10:25 AM IST
Chandauli News: नाम बड़े और दर्शन छोटे,रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए आज से चालू होंगी जनपद में रोडवेज की कुछ बसे
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Chandauli News: चंदौली में रोडवेज विभाग द्वारा नाम बढ़े और दर्शन छोटे की कहावत सटीक बैठ रही है।जनपद के नाम से डिपो में 53 बसे आवंटित है।लेकिन आज के डेट में एक भी बस का जनपद में संचालन नहीं है। चंदौली जिले में रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित महिला फ्री यात्रा योजना हवा-हवाई साबित होती दिख रही है।योगी सरकार ने 8 अगस्त से 10 अगस्त 12 बजे रात्रि तक रोडवेज बसों में महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा देने की घोषणा की है, लेकिन चंदौली जिले में इस आदेश का पालन हो पाना संभव नहीं नजर आ रहा। इसका कारण है परिवहन विभाग की घोर उदासीनता और चंदौली डिपो की बदहाल व्यवस्था।

चंदौली डिपो के नाम से लगभग 53 से अधिक बसे आवंटित है, लेकिन विडंबना यह है कि वर्तमान में जिले में इन बसों का आवागमन ठप है। यह बसें अन्य जिलों के रूटों पर चलाई जा रही हैं, जबकि चंदौली की जनता निजी वाहनों और उनके मनमाने किराए के भरोसे सफर करने को मजबूर है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह हालत वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अब रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर महिलाओं को सरकारी सुविधा से वंचित रहना एक गंभीर सवाल खड़ा करता है।

स्थानीय सूत्रों की मानें तो चंदौली डिपो की बसों को निजी बस स्टैंड के चलवाने के लिए विभाग के कुछ लोग मोटी रकम लेते हैं, जिससे बसों का संचालन कागजों पर दिखाया जाता है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है। इस गड़बड़ी की वजह से सरकारी आदेश और आमजन के अधिकार दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।

हालांकि, चंदौली डिपो ए आर एम उमाशंकर तिवारी ने जानकारी दी कि प्रयासों के तहत 8 अगस्त से एक बस सैयदराजा से पड़ाव रूट पर चलाई जाएगी, और देर रात तक पांच नई बसें भी जिले में आ जाएंगी, जिससे महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। लेकिन यह देखना अभी बाकी है कि क्या यह व्यवस्था वास्तव में सुचारु रूप से लागू हो पाती है या सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रह जाती है। रक्षाबंधन पर महिलाओं को सरकार की फ्री यात्रा योजना से वंचित करना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है, बल्कि जनभावनाओं की भी उपेक्षा है। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि परिवहन विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और व्यवस्था को कितना सुधार पाता है,आने वाला समय ही बताएगा।

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