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Chandauli News: अब टीटीई करेंगे बायोमेट्रिक से हाज़िरी, रेलवे में डिजिटल अटेंडेंस की नई शुरुआत
Chandauli News: रेलवे ने टीटीई उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू कर पारदर्शिता बढ़ाई।
Chandauli News
Chandauli News: भारतीय रेलवे ने अपने टिकट जाँच कर्मचारियों (टीटीई) की उपस्थिति दर्ज करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। अब वे कागज़ पर दस्तखत करने के बजाय, बायोमेट्रिक मशीन पर अपनी उंगलियों के निशान से अपनी ड्यूटी शुरू और खत्म करेंगे। यह आधुनिक और डिजिटल प्रणाली रेलवे के कामकाज को और भी पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस नई व्यवस्था का सबसे पहला ट्रायल पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर शुरू हुआ, जहाँ पहली डिजिटल टीटीई लॉबी को चालू किया गया।
यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाएगी, बल्कि यात्रियों को मिलने वाली सेवाओं को भी बेहतर बनाएगी। जब कर्मचारियों की ड्यूटी का सही रिकॉर्ड होगा, तो उनका प्रबंधन बेहतर तरीके से हो पाएगा और इससे ट्रेनों में टिकट जाँच की प्रक्रिया और भी सुचारू रूप से चलेगी।
यह प्रणाली कैसे काम करती है?
यह नई प्रणाली आधार कार्ड से जुड़ी हुई है। हर टिकट जाँच कर्मचारी अपनी ड्यूटी शुरू करने से पहले एक खास बायोमेट्रिक डिवाइस पर अपनी उंगली लगाएगा। इससे उसकी ड्यूटी का समय और लोकेशन तुरंत रिकॉर्ड हो जाएगा। जब उनकी ड्यूटी खत्म होगी, तब भी वे इसी तरह साइन- ऑफ करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता क्योंकि यह पूरी तरह से डिजिटल और सुरक्षित है। यह सिस्टम कर्मचारियों के काम के घंटों और उनकी उपस्थिति का सटीक रिकॉर्ड रखता है, जिससे रेलवे प्रबंधन को यह जानने में मदद मिलती है कि कौन सा कर्मचारी कब ड्यूटी पर है।
नई प्रणाली के मुख्य फायदे
इस बायोमेट्रिक साइन-ऑन और साइन-ऑफ प्रणाली के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं, जो रेलवे के कामकाज को और भी प्रभावी बनाएंगे: सटीक उपस्थिति: यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि उपस्थिति का रिकॉर्ड 100% सही हो और उसे आसानी से सत्यापित किया जा सके।वास्तविक समय में जानकारी: यह कर्मचारियों की उपलब्धता और उनकी ड्यूटी की स्थिति की जानकारी तुरंत देती है, जिससे काम का प्रबंधन और भी कुशल हो जाता है।
बेहतर निगरानी: रेलवे अब कर्मचारियों के काम के घंटों और उनकी लॉबी में होने वाली गतिविधियों पर बेहतर तरीके से नजर रख सकता है। अन्य सिस्टम्स से जुड़ाव: यह नई प्रणाली हैंड हेल्ड टर्मिनलों (HHT) और ड्यूटी रोस्टर के साथ आसानी से जुड़ जाती है, जिससे कर्मचारियों की तैनाती और भी व्यवस्थित हो जाती है।
कहाँ-कहाँ शुरू हुई यह प्रणाली?
यह प्रणाली भारत के कई रेलवे मंडलों और जोनों में सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है। इसमें उत्तर रेलवे का बनारस मंडल, पूर्व मध्य रेलवे का सोनपुर मंडल, पश्चिम रेलवे का रतलाम मंडल, मध्य रेलवे का सीएसएमटी, पुणे और सोलापुर, पूर्व रेलवे का मालदा मंडल और पश्चिम मध्य रेलवे का भोपाल व कोटा मंडल जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे भी इसे धीरे-धीरे अपने-अपने मंडलों में लागू कर रहे हैं। जल्द ही, उत्तर रेलवे का जम्मू मंडल भी इस सूची में शामिल होने वाला है।यह नई डिजिटल पहल भारतीय रेलवे की कार्यकुशलता और पारदर्शिता को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे अंततः यात्रियों को एक बेहतर और सुविधाजनक यात्रा अनुभव मिलेगा।
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