Chandauli News:आरपीएफ का 'नन्हे फरिश्ते' अभियान, डीडीयू स्टेशन पर 8 नाबालिग बच्चे बचाए गए

Chandauli News : आरपीएफ का 'नन्हे फरिश्ते' अभियान: डीडीयू स्टेशन पर 8 नाबालिग बच्चे बचाए गए, अहमदाबाद जा रहे थे काम की तलाश में

Sunil Kumar
Published on: 14 Oct 2025 4:12 PM IST
Chandauli News:आरपीएफ का नन्हे फरिश्ते अभियान, डीडीयू स्टेशन पर 8 नाबालिग बच्चे बचाए गए
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 Chandauli RPF Saves 8 Minor Boys at DDU Station ( Image From Social Media )

Chandauli News: पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल ने अपने विशेष 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' और 'ऑपरेशन आहट' अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। इस अभियान का उद्देश्य ऐसे नाबालिग बच्चों को बचाना है जो किसी कारणवश अकेले यात्रा कर रहे हैं, घर से भाग गए हैं या मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं। मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 को चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान, आरपीएफ की टीम ने एक ट्रेन के सामान्य डिब्बे से 8 नाबालिग लड़कों को बचाया। ये सभी बच्चे बिना बताए अपने घर छोड़कर, काम की तलाश में अहमदाबाद जा रहे थे। आरपीएफ ने इन सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया है और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। यह अभियान दिखाता है कि रेलवे सुरक्षा बल किस तरह से बच्चों की सुरक्षा और देखभाल को लेकर गंभीर है।

ऑपरेशन 'नन्हे फरिश्ते' के तहत चेकिंग

आरपीएफ डीडीयू पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के निर्देश पर यह विशेष अभियान चलाया गया। इस टीम में उप निरीक्षक सरिता गुर्जर, उप निरीक्षक निशांत कुमार, अन्य स्टाफ, 'बचपन बचाओ आंदोलन' की सहायक परियोजना अधिकारी श्रीमती चंदा गुप्ता और चाइल्ड लाइन डीडीयू के सुपरवाइजर राधेश्याम शामिल थे। इस संयुक्त टीम ने डीडीयू जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों में सघन चेकिंग शुरू की।

ट्रेन से मिले 8 नाबालिग यात्री

चेकिंग के दौरान, सुबह ठीक 9 बजे, टीम ने प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर खड़ी गाड़ी संख्या 15636 अप ओखा एक्सप्रेस के जनरल कोच की जांच की। इस दौरान, उन्हें आठ ऐसे लड़के मिले जिनकी उम्र 15 से 17 साल के बीच थी। संदेह होने पर टीम ने उनसे पूछताछ की।इन नाबालिग लड़कों में से 6 पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के रहने वाले थे, जबकि दो लड़के असम के चिरांग जिले के निवासी थे।

अहमदाबाद जा रहे थे काम करने

पूछताछ के दौरान सभी बच्चों ने बताया कि वे स्वेच्छा से, यानी अपनी मर्जी से घर पर बिना किसी को बताए निकले थे। उनका मकसद अहमदाबाद जाकर कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करना था। बच्चों ने बताया कि वे काम करने के लिए इतने बड़े शहर जा रहे थे।

बच्चों की काउंसलिंग और आगे की कार्रवाई

आरपीएफ ने सभी आठ नाबालिग लड़कों को ट्रेन से उतारा और उन्हें रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू पर सुरक्षित लाया गया। बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, आरपीएफ और चाइल्ड लाइन डीडीयू के स्टाफ ने उनकी काउंसलिंग की। इस दौरान उन्हें घर छोड़कर जाने के खतरों के बारे में समझाया गया।

इसके बाद, आरपीएफ ने उचित माध्यमों से इन सभी नाबालिगों के माता-पिता या परिजनों से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। सभी बच्चों को नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही और सुरक्षित घर वापसी के लिए चाइल्ड लाइन डीडीयू के ऑन ड्यूटी स्टाफ को सौंप दिया गया। आरपीएफ का यह सराहनीय कदम सुनिश्चित करता है कि ये बच्चे किसी भी तरह की मुश्किल या गलत हाथों में पड़ने से बच गए हैं। यह ऑपरेशन बाल सुरक्षा के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

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