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Chandauli News: ऑपरेशन 'नन्हे फरिश्ते' की सफलता – DDU स्टेशन पर 8 बच्चों को मिला नया जीवन
Chandauli News: मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU) पर कुछ ऐसी ही मानवीय कहानियाँ सामने आईं, जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सहयोगी संस्थाओं ने एक विशेष अभियान के अंतर्गत 8 नाबालिग बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया।
Chandauli News Operation Nanhe Farishte
Chandauli News: रेलवे स्टेशन अक्सर कई कहानियों का केंद्र होते हैं — कोई अपनी मंजिल की तलाश में होता है, तो कोई राह भटक जाता है। मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (DDU) पर कुछ ऐसी ही मानवीय कहानियाँ सामने आईं, जब रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सहयोगी संस्थाओं ने एक विशेष अभियान के अंतर्गत 8 नाबालिग बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। यह अभियान 'ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते' और 'ऑपरेशन आहट' के नाम से चलाया गया, जो दर्शाता है कि सतर्कता और मानवता से बच्चों के जीवन को एक नई दिशा दी जा सकती है।
अभियान कैसे चला?
वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त जतिन बी. राज के मार्गदर्शन और प्रभारी निरीक्षक/आरपीएफ पोस्ट डीडीयू प्रदीप कुमार रावत के नेतृत्व में यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक चलाया गया। इस टीम में उप निरीक्षक सरिता गुर्जर, अन्य आरपीएफ स्टाफ के साथ-साथ ग्राम स्वराज्य समिति, चंदौली के जिला समन्वयक सौरभ सिन्हा और कार्यक्रम समन्वयक जुनैद खान भी शामिल थे। अभियान के दौरान टीम ने डीडीयू जंक्शन पर विशेष रूप से पीआरएस काउंटर के पास निगरानी रखी।
पहला रेस्क्यू: रास्ता भटके 4 किशोर
सुबह 11:40 बजे, टीम ने पीआरएस काउंटर के पास चार नाबालिग लड़कों को संदिग्ध स्थिति में पाया। पूछताछ में उनकी पहचान शशिकांत कुमार (14 वर्ष), रजनीश कुमार (17 वर्ष), मोहन कुमार (16 वर्ष) और अमरजीत कुमार (17 वर्ष) के रूप में हुई। ये सभी बिहार के रोहतास जिले के डेहरीगांव थाना क्षेत्र से थे। आरपीएफ पोस्ट पर काउंसलिंग के दौरान उन्होंने बताया कि वे बिना बताये घर से निकल पड़े थे और किसी बड़े शहर घूमने की योजना बना रहे थे।
दूसरा रेस्क्यू: बाल श्रम से बचाए गए 4 बच्चे
दोपहर 2 बजे, आरपीएफ टीम ने बचपन बचाओ आंदोलन की चंदा गुप्ता के साथ मिलकर एक और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस बार चार अन्य नाबालिग लड़कों को बाल श्रम से बचाया गया। उनकी पहचान मनमोहन बर्मन, अबुल बर्मन, नारोप बर्मन और शुभ बर्मन (सभी लगभग 16 वर्ष) के रूप में हुई। ये पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले के कालीगंज थाना क्षेत्र के निवासी थे। काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने बताया कि वे बिना जानकारी दिए घर से निकले थे और अहमदाबाद या किसी अन्य बड़े शहर में जाकर काम करने की योजना बना रहे थे।
सुरक्षित वापसी की पहल
रेस्क्यू किए गए सभी 8 नाबालिगों के परिजनों को तत्काल सूचना दी गई। इसके बाद, सभी बच्चों को उनके परिजनों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए चाइल्ड लाइन डीडीयू के ऑन-ड्यूटी स्टाफ को सौंप दिया गया। यह अभियान बच्चों को संभावित खतरों से बचाने और उन्हें पुनः सुरक्षित वातावरण में लाने की दिशा में एक सराहनीय कदम साबित हुआ।
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