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चित्रकूट में "आत्मनिर्भर भारत" पर जिला स्तरीय बैठक, कृषि सुधार और किसान कल्याण पर चर्चा
चित्रकूट में "आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश" के तहत जिला स्तरीय बैठक, कृषि की स्थिति, उत्पादन बढ़ाने और किसानों के सुझाव पर चर्चा।
Chitrakoot News: धर्मनगरी चित्रकूट के कृषि विज्ञान केंद्र, गनीवा, चित्रकूट में “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश, संकल्प-2047” के अंतर्गत बुधवार को केवीके गनीवां के सभागार में एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने की।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जगतराज, महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. रामचंद्र सिंह, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के प्राध्यापक डॉ. धर्मेंद्र कुमार, कृषि विभाग एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का संचालन केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक उत्तम कुमार त्रिपाठी ने किया।
इस अवसर पर उप निदेशक कृषि राजकुमार ने जिले की कृषि स्थिति, उत्पादन एवं चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला और बताया कि जिले में “श्री अन्न” का उत्पादन उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजेंद्र सिंह नेगी ने जिले की औसत पैदावार, प्रमुख फसलों का क्षेत्रफल, आधुनिक कृषि तकनीकों की आवश्यकता, 1.5 एवं 2.5 एकड़ मॉडल प्रणाली, किसानों की आय में पशुपालन, मत्स्यपालन और उद्यानिकी के योगदान, बदलते मौसम का प्रभाव एवं कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए।
बैठक में किसानों ने भी अपने सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने जिले में वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, पॉलीहाउस, केचुआ खाद, फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने तथा एफपीओ को सरकारी दर पर डीएपी व यूरिया उपलब्ध कराने की मांग रखी।
समापन सत्र में डॉ. रामचंद्र सिंह ने विदेशी तकनीकों के भारतीयकरण पर बल दिया, जबकि डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने इकोनॉमी होल्डिंग, बीज प्रतिस्थापन, जैविक खेती, बीज शोधन एवं मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन पर विचार रखे। जगतराज ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु मार्केट लिंकिंग, एकीकृत खेती प्रणाली और अन्ना प्रथा पर सुझाव दिए।
मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने कृषि को आय वृद्धि का प्रमुख साधन बताते हुए हर व्यक्ति की आय बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। अध्यक्षता कर रहे संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने “हरेक खेत-खलिहान योजना”, नस्ल सुधार, जलवायु अनुकूल खेती और भूमि की उर्वरता के समुचित उपयोग को आत्मनिर्भर किसान बनाने का आधार बताया और किसानों से संकल्प-2047 की दिशा में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
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