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PGI निदेशक डॉ धीमन पटना AIIMS के बने अध्यक्ष! सम्मानों की लंबी सूची, राष्ट्रपति से मिला पद्मश्री,जानिए कौन हैं ये दिग्गज डॉक्टर
UP News: डॉ. धीमन फिलहाल संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) लखनऊ में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद सशक्त रही है।
Dr RK Dhiman
नई दिल्ली स्थित केंद्रीय परिवार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स, पटना के लिए नया नेतृत्व नियुक्त किया है। डॉ. राधा कृष्ण धीमन को एम्स, पटना का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही उन्हें संस्थान की इन्स्टीट्यूट बॉडी का सदस्य भी बनाया गया है। इस नियुक्ति के साथ अब डॉ. धीमन एम्स पटना के प्रशासनिक और रणनीतिक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
वर्तमान में एसजीपीजीआई, लखनऊ के निदेशक हैं डॉ. धीमन
डॉ. धीमन फिलहाल संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) लखनऊ में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद सशक्त रही है। उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से क्रमशः 1984 में एमबीबीएस और 1987 में एमडी (मेडिसिन) की उपाधियाँ प्राप्त कीं। इसके बाद 1991 में एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉक्टरेट हासिल की।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा क्षेत्र में पहचान
डॉ. आर के धीमन को चिकित्सा अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, अमेरिकन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लिवर डिजीज, रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन, लंदन और एडिनबर्ग, तथा नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से फेलोशिप प्रदान की गई है।
पंजाब मॉडल और राष्ट्रीय कार्यक्रम का नेतृत्व
एसजीपीजीआई निदेशक डॉ. धीमन ने पंजाब में सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर हेपेटाइटिस सी के इलाज के लिए एक लागत-प्रभावी एल्गोरिदम विकसित करने में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी इस पहल को ‘पंजाब मॉडल’ के नाम से जाना गया। इस मॉडल की सफलता को आधार बनाकर भारत सरकार ने 28 जुलाई 2018 को राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीएचसीपी) की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत वायरल हेपेटाइटिस का निशुल्क परीक्षण और इलाज सुनिश्चित किया गया है।
सम्मानों की लंबी सूची, राष्ट्रपति से मिला पद्मश्री
डॉ. धीमन को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्ष 2024 में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इससे पहले 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उन्हें डॉ. बी. सी. रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था। इसके अलावा चार बार आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) पुरस्कार भी उन्हें प्राप्त हुए हैं।
हेपेटोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में वैश्विक पहचान
डॉ. धीमन ने 2012 से 2019 तक लगातार सात साल तक इंटरनेशनल सोसाइटी ऑन हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी एंड नाइट्रोजन मेटाबॉलिज्म (ISHEN) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। साथ ही वे 2016 से 2018 तक इंडियन नेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लिवर (INASL) के सचिव रहे और अब उसी संस्था के अध्यक्ष हैं।
संपादकीय और शैक्षणिक योगदान भी सराहनीय
डॉ. राधा कृष्ण धीमन ने 2011 से 2020 तक ‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल हेपेटोलॉजी के प्रधान संपादक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके साथ ही वे 2011 से 2017 तक अमेरिकन कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (ACG) के गवर्नर भी रहे। वहीं एम्स पटना को डॉ. धीमन के नेतृत्व से चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं में नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
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