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22 एनकांउटर, थर-थर कांपता था D-2 गैंग..., फिर DSP ऋषिकांत शुक्ला की ‘छवि’ पर कैसे लगा ‘काला दाग’?
DSP Rishikant Shukla: 1997 में ऋषिकांत पुलिस महकमे में और बतौर सब-इंस्पेक्टर करियर शुरू किया। उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान 22 से ज्यादा शातिर बदमाशों के एनकाउंटर किये।
DSP Rishikant Shukla
DSP Rishikant Shukla: उत्तर प्रदेश में इन दिनों 100 करोड़ की संपत्ति वाले डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला काफी सुर्खियों में हैं। डीएसपी पर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति जुटाने के संगीन आरोप लगे हैं। एसआईटी जांच में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हो रहे है। कानपुर में तैनाती के दौरान डीएसपी शुक्ला के ठिकानों और करीबियों के खिलाफ जांच चल रही है। वहीं डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर यह आरोप है कि चर्चित वकील अखिलेश दुबे के करीबी थे और उसके साथ मिलकर कई निर्दोषों को फंसाया और पैसे वसूल किये।
वहीं एक ऐसा भी समय था, जब ऋषिकांत शुक्ला की छवि एक ईमानदार और सख्त अफसर की थी। 1997 में ऋषिकांत पुलिस महकमे में और बतौर सब-इंस्पेक्टर करियर शुरू किया। उन्होंने अपनी सेवाओं के दौरान 22 से ज्यादा शातिर बदमाशों के एनकाउंटर किये। जिसके बाद उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नाम मिला। उन्होंने डी-2 गैंग के कुख्यात अपराधियों रफीक और बिल्लू को भी मार गिराया था।
डीएसपी ने किया था अजय कंजा-राजेश करिया का एनकाउंटर
पूर्वांचल के कुख्यात माफिया कानपुर में पैर पसारने लगे थे, तब तत्कालीन एसएसपी ने अपराधियों की लगाम कसने की जिम्मेदारी ऋषिकांत शुक्ला को ही सौंपी थी। ऋषिकांत ने मुन्ना बजरंगी के शूटर अमित राय का एनकाउंटर किया था। साल 2007 में उन्होंने किदवई नगर के पास चिंटू सिंह का मार गिराया।
वहीं कुख्यात अजय कंजा, तन्नू पासी, राजेश करिया और इरफान चिकना जैसे अपराधियों को भी अपनी गोली का निशाना बनाया। 2005 से लेकर 2009 के बीच ऋषिकांत शुक्ला ने कानपुर के नौबस्ता, कोहना और काकादेव जैसे कई संवेदनशील थानों में अपनी सेवाएं दी। ऋषिकांत शुक्ला अकबरपुर (कानपुर देहात) कोतवाली के प्रभारी भी रहे। यहां पर तैनाती के दौरान उन्होंने अपराधियों के खिलाफ मोर्चा खोला था।
वकील अखिलेश दुबे के थे नजदीकी
पूर्व कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार द्वारा शुरू किये गये ऑपरेशन महाकाल के दौरान जब चर्चित वकील अखिलेश दुबे को गिरफ्तार किया गया। तब यह सामने आया कि डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला और अखिलेश दुबे बेहद करीबी है। अखिलेश दुबे पर आरोप था कि वह निर्दोष लोगों को झूठे केस में फंसाकर रुपये वसूलता था। जिसमें डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला का नाम भी सामने आया।
एसआईटी को इस मामले में कुल 52 शिकायतें मिलीं, जिनमें से अधिकतर सीधे तौर पर ऋषिकांत शुक्ला से जुड़ी थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में उनकी लगभग 12 प्रमुख संपत्तियां हैं। ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ एसआईटी भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। जिसमें काले कारनामों की कई परतें खुल रही हैं।
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