Etah News: बोरवेल के कुएं में बकरी निकालने पहुंचे ग्रामीणों को मिला मगरमच्छ, तो खुद ही कर डाला रैस्क्यू

Etah News: बीते दिनों भारी बरसात में तीन गावों में आ गये मगरमच्छ वन विभाग की टीम दो दिन डेरा डालने के बाद लौट गयी थी बैरंग वापस ।

Sunil Mishra
Published on: 10 Aug 2025 6:51 PM IST
Etah News: बोरवेल के कुएं में बकरी निकालने पहुंचे ग्रामीणों को मिला मगरमच्छ, तो खुद ही कर डाला रैस्क्यू
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Etah News: जनपद के मिरहची थाना क्षेत्र के श्योराई गांव के अतरपुर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बोरवेल में बकरी गिरने के बाद उसे निकालने पहुंचे ग्रामीणों को अंदर मगरमच्छ बैठा मिला। घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई।जानकारी के अनुसार, गांव के कुछ युवक बोरवेल में गिरी बकरी को निकालने पहुंचे थे तभी पहले से मौजूद मगरमच्छ ने उन पर झपटने की कोशिश की। अचानक हुए इस मंजर से लोग दहशत में आ गए, लेकिन ग्रामीणों ने संयम और साहस दिखाते हुए स्थिति को संभाल लिया और मगरमच्छ पर हमला वर होकर उसे ही दबोच लिया।

मगरमच्छ को पकड़ने वालों मे प्रमुख रूप से रूप किशोर कुशवाहा, अनिल कुशवाह, रामबाबू कुशवाह, सुभाष कुशवाह, नीरज कुशवाह,थे वही उनके साथ मौके पर उपस्थित तेजवीर सिंह कुशवाहा, सतेन्द्र कुमार , रुस्तम, शिवाकुशवाह ने कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ का रेस्क्यू कर काली नदी में छोड़ दिया है। जानकारी होने पर गांव के युवाओं ने मिलकर बहादुरी का परिचय देते हुए बोरवेल में उतरकर मगरमच्छ को पकड़ा और बकरी को भी बचा लिया मगरमच्छ को सुरक्षित काली नदी में छोड़ दिया। इस घटना को देख आसपास के लोग भी इकट्ठा हो गए और सभी ने ग्रामीणों की हिम्मत की सराहना की।

स्थानीय निवासी दिनेश कुमार का कहना है कि इस तरह की बहादुरी से गांव का मान बढ़ा है। इस समय यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।उन्होंने बताया कि मगरमच्छ ज्यादा बढा नहीं था वह छोटा था जिसे हमारे बहादुर युवाओं ने पकड कर छोड दिया उन्होंने कहा अगर हम इसकी सूचना वन विभाग को देते तो वह वहपहले बताते रैस्क्यू टीम को सूचित किया गया है वह रात तक तो आते फिर रात में कोई बहाना बना कर कल की कह कर चले जाते।

आपको बताते चलें लगभग 15 दिन पहले भी ग्राम नगला पंचमपुर, मरथरा, अवागढ़ क्षेत्र के ग्राम कुसुआ में भी मगरमच्छ चार पांच दिन डेरा डाले रहे वन विभाग भी कुछ नहीं कर सका ग्रामीण काफी दिन हो गए दहशत में जिये बाद में वह खुद ही चले गये। जिस कारण ग्रामीणों का वन विभाग से विश्वास उठ गया है। इस बार ग्रामीणों ने न तो पुलिस को सूचना दी और न वन विभाग को। जो कुछ करना था स्वयं ही कर डाला ।

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Shalini Rai

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