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सोनभद्र: जंगली जानवर के हमले में पांच मवेशी शिकार, तेंदुए की आशंका, ग्रामीणों में दहशत

Sonbhadra: तेंदुए की आशंका जताए जाने के बाद वन विभाग जांच में जुट गया है। लोगों को अलर्ट किया गया है और रात के समय बाहर न निकलने, निकलने की स्थिति झुंड में टॉर्च लेकर चलने, मवेशियों को घर के अंदर रखने की सलाह दी गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 13 July 2025 8:04 PM IST
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Sonbhadra News: रेणकूट वन प्रभाग क्षेत्र के बघाडू रेंज (दुद्धी अंचल) के तुर्रीडीह गांव में शनिवार की आधी रात किसी जंगली जानवर द्वारा हमला बोलकर एक बकरे और चार बकरियों (मवेशियों) के शिकार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की तरफ से चीते जैसा जानवर यानी तेंदुए की आशंका जताई जा रही है। हालांकि बारिश का समय होने के कारण, किस जानवर ने हमला बोला इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। बकरियों का पीएम करने वाले पशु चिकित्सा अधिकारी भी सिर्फ जंगली जानवर की संभावना जता रहे हैं। स्थिति को देखते हुए वन विभाग की तरफ से ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। किस जानवर ने हमला बोला, इसके लिए स्पष्ट पदचिन्ह या अन्य किसी मार्क की तलाश की जा रही है।

बताया जा रहा है कि दुद्धी क्षेत्र के तुर्रीडीह निवासी मेर सिंह पुत्र शिवनंदन की बकरियां घर बाहर वाले हिस्से में रखी गई थी। जिस हिस्से में उन्हें रखा गया था। वहां दरवाजा बांस का लगाया गया था। परिवार वालों के मुताबिक रात एक बजे के करीब चीते जैसा दिखने वाला जानवर आया और बांस के दरवाजे को गिराकर अंदर घुस गया। जंगली जानवर घुसा देख सभी बकरियां बाहर निकलकर भागने लगी। बताया जा रहा है कि इस पर वह जानवर उन्हें दौड़ाने लगा। लगभग सौ मीटर की दूरी पर एक बकरा और तीन बकरियों को दबोंचकर मार दिया। एक बकरी के पेट का मांस नोंचकर खाने के साथ ही, एक गर्भवती बकरी को साथ लेता गया। मेर सिंह की पत्नी मानकुंवर का दावा है कि यह घटना रात एक बजे की है। उस समय बारिश हो रही थी। बारिश थमने के साथ ही जंगली जानवर ने हमला बोल दिया। बकरियों की तेज चीख-पुकार सुनकर वह बाहर आईं तो चीते जैसा दिखने वाले जंगली जानवर को बकरियों को दौड़ाता देख अवाक रह गईं। प्रधान विदवंत घसिया, वनाधिकार समिति अध्यक्ष महादेव, भोला सिंह बीडीसी, बासरूप आदि ने आशंका जताई कि हमला बोलने वाला जानवर तेंदुआ हो सकता है।

संयुक्त टीम ने की छानबीन, जुटाई जरूरी जानकारी

रविवार को जब इसकी जानकारी रेंजर सरिता गौतम को मिली तो वह वन दारोगा विशाल कुमार, साजिद हुसैन, गुंजन पांडेय, नेहा त्रिपाठी, लेखपाल अभिषेक पांडेय, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ रुद्रेश यादव को साथ लेकर मौके पर पहुंची। ग्रामीणों से बातचीत कर घटना की जानकारी लेने के साथ ही हमले का शिकार हुए मवेशियों का शव पीएम के लिए भेज दिया गया।

बारिश के कारण पदचिन्ह नहीं हो पाए स्पष्ट

मवेशियों का पीएम करने वाले डॉ रुद्रेश यादव का कहना कि पीएम से यह तो स्पष्ट हुआ कि किसी जंगली जानवर ने हमला बोला है लेकिन वह कौन सा जानवर हो सकता, इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है। वहीं रेंजर सरिता गौतम का कहना था कि जिस जगह यह घटना हुई, वहां घटना के समय बारिश तो हो ही रही थी, संबंधित एरिया की मिट्टी बलुई होने तथा खेत में पानी भरा होने से, हमला बोलने वाले जानवर के पदचिन्ह स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। इस कारण किस जानवर ने हमला बोला, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। जानकारी जुटाई जा रही है। स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों को अलर्ट रहने, रात के समय बाहर न निकलने, निकलने की स्थिति झुंड में टॉर्च लेकर चलने, मवेशियों को घर के अंदर रखने की सलाह दी गई है।

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