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Etah News: एटा मेडिकल कॉलेज की शर्मनाक लापरवाही: गेट पर कार में दिया बच्चे को जन्म, डॉक्टर भी कागजों में कर रहे 'इलाज'

Etah News:सरकारी संस्थान की बदहाल व्यवस्था का एक शर्मनाक उदाहरण बीती रात तब देखने को मिला, जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल के मुख्य गेट पर ही प्रसव पीड़ा के बीच कोई मदद नहीं मिली और उसने अपनी कार में ही बच्चे को जन्म दे दिया।

Sunil Mishra
Published on: 13 July 2025 7:19 PM IST
Baby given birth in car at Etta Medical College, gate, doctor also doing treatment in papers
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एटा मेडिकल कॉलेज, गेट पर कार में दिया बच्चे को जन्म, डॉक्टर भी कागजों में कर रहे 'इलाज' (Photo- Newstrack)

Etah News: एटा, 13 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के एटा स्थित वीरांगना अवंती बाई मेडिकल कॉलेज एक बार फिर अपनी घोर लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया है। करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित इस सरकारी संस्थान की बदहाल व्यवस्था का एक शर्मनाक उदाहरण बीती रात तब देखने को मिला, जब एक गर्भवती महिला को अस्पताल के मुख्य गेट पर ही प्रसव पीड़ा के बीच कोई मदद नहीं मिली और उसने अपनी कार में ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

मदद के लिए गुहार लगाता रहा पति

घटनाक्रम के अनुसार, महिला के पति सुखवीर अपनी पत्नी को प्रसव के लिए रात में एक निजी वाहन से मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। लेकिन, अस्पताल के मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी और स्टाफ ने प्रसूता को अंदर जाने से ही रोक दिया। करीब 30 मिनट तक सुखवीर स्ट्रेचर की मदद के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद पर ध्यान नहीं दिया। इस दौरान महिला दर्द से कराहती रही और अंततः बिना किसी चिकित्सक या स्टाफ की सहायता के उसने कार में ही एक बच्चे को जन्म दे दिया।

सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि उस वक्त एक प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता भी प्रसूता को अस्पताल के अंदर ले जाने की कोशिशों में लगी हुई थीं, जबकि प्रसूता को तत्काल चिकित्सकीय सहायता की सख्त ज़रूरत थी। इस अमानवीय लापरवाही के बीच नवजात शिशु कार के फर्श पर ही गिर पड़ा और काफी देर तक रोता रहा। जब प्रसूता के साथ आई महिला और अन्य परिजनों ने जोर-जोर से शोर मचाया और अंदर सो रहे स्टाफ को जगाया, तब कहीं जाकर अस्पताल का स्टाफ बाहर निकला और स्थिति संभाली।

इस घटना के संबंध में मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेश चंद्रा से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। यह घटना मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है और पिछली लापरवाहियों की याद दिलाती है। महज एक महीने पहले भी यहां की गायनिक वार्ड की नर्सें ड्यूटी के दौरान सोती पाई गई थीं, जिन पर कार्रवाई भी की गई थी। लेकिन, ऐसा लगता है कि लापरवाही की जड़ें अब इतनी गहरी हो चुकी हैं कि वह प्रशासनिक व्यवस्था पर पूरी तरह हावी हैं।

स्थानीय लोगों और परिजनों में इस अमानवीय घटना को लेकर भारी आक्रोश है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या जिला प्रशासन अब भी चुप रहेगा? क्या इस लापरवाही पर कोई सख्त कदम उठाए जाएंगे? क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री इस गंभीर मामले का संज्ञान लेंगे? आपको बताते चलें कि बीते एक सप्ताह से एटा मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में भ्रष्टाचार को लेकर काफी चर्चा में है। पहले भी जनता और मीडिया ही मेडिकल कर्मियों के भ्रष्ट आचरण के लिए आवाज उठाती रही है, लेकिन अधिकारी उन्हें बचाते रहे हैं।

जनता की जान जोखिम में

अब तो हद हो गई है, जब मेडिकल कॉलेज में तैनात एक चिकित्सक, डॉक्टर अंकिता शर्मा ने ड्यूटी पर डॉक्टरों के न आने और सप्ताह में सिर्फ दो बार ही आने व ड्यूटी रजिस्टर को लाकर में रखने की शिकायत ट्वीट कर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से की है। लेकिन, मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या रजनी पटेल के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, और उन्होंने इस प्रकरण की जांच सप्ताह में दो दिन आने वाले और सिर्फ तीन-चार घंटे रहने वाले डॉक्टरों को सौंप दी, जिससे "चोर की जांच चोर को सौंपने" जैसी स्थिति बन गई। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब व्यवस्था सोती है, तो जनता की जान जोखिम में पड़ जाती है।

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