Etah News: एटा में हरे-भरे पेड़ों पर माफियाओं की आरी — एक ओर वृक्षारोपण, दूसरी ओर अवैध कटाई; पुलिस और वन विभाग पर गंभीर आरोप

Etah News: मिरहची थाना क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। गांव नगला जवाहरी और नगला मंशी के बीच पिछले कुछ दिनों से फलदार और हरे-भरे पेड़ों की बेरहमी से कटाई की जा रही है।

Sunil Mishra
Published on: 4 July 2025 6:46 PM IST
Etah News: एटा में हरे-भरे पेड़ों पर माफियाओं की आरी — एक ओर वृक्षारोपण, दूसरी ओर अवैध कटाई; पुलिस और वन विभाग पर गंभीर आरोप
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Etah News: एटा जिले के मिरहची थाना क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। गांव नगला जवाहरी और नगला मंशी के बीच पिछले कुछ दिनों से फलदार और हरे-भरे पेड़ों की बेरहमी से कटाई की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सारा काम इलाके की पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से हो रहा है।

थानाध्यक्ष मिरहची, ओमप्रकाश ने बताया, "मुझे पेड़ काटने की जानकारी प्राप्त हुई है। वन विभाग के रेंजर के.के. जैन द्वारा ₹20,000 के जुर्माने की एक रसीद थाने भेजी गई है। बाकी जानकारी रेंजर ही दे सकते हैं, जैसे कि पेड़ काटने की अनुमति ली गई थी या नहीं, कितने पेड़ काटे गए हैं और वे किस प्रकार के पेड़ थे।" हालांकि, रेंजर के.के. जैन से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

एक ओर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर वृक्षारोपण अभियान चला रही है, तो दूसरी ओर उन्हीं पेड़ों को खुलेआम अवैध रूप से काटा जा रहा है, जिनका संरक्षण सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।ग्रामीणों का कहना है कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टर-ट्रॉली के जरिए कटे हुए पेड़ों की लकड़ी बाहर निकाली जाती है, लेकिन न तो कोई जांच होती है और न ही किसी पर कार्रवाई।

ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि अगर अनुमति ली गई है तो फिर काम चोरी-छिपे रात में क्यों किया जा रहा है?स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने इस बारे में मिरहची थाना प्रभारी और हल्का इंचार्ज को सूचित किया, तो उन्होंने मौके पर पहुंचना तक जरूरी नहीं समझा। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस और वन विभाग की चुप्पी माफियाओं को खुली छूट देने जैसी नहीं है?पेड़ों की इस अवैध कटाई ने कानून-व्यवस्था और पर्यावरण नीति दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई सख्त कदम उठाएगा या फिर माफिया यूं ही बेलगाम बने रहेंगे? जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों की भूमिका पर अब सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि जो रक्षक होने चाहिए, वही अब भक्षक बनते जा रहे हैं।

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