UP मेें कृषि विभाग की छापेमारी से मचा हड़कंप, खाद-बीज विक्रेताओं की विरोध में दुकान बंद, किसान परेशान

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग की व्यापक छापेमारी अभियान से प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 30 Jun 2025 2:09 PM IST
Lucknow News
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में कृषि विभाग की व्यापक छापेमारी अभियान से प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ है। कृषि विभाग की टीमों ने बीते कुछ दिनों में कई जनपदों में अचानक छापेमारी कर बीज और उर्वरकों की दुकानों की गहन जांच की थी। इस दौरान कई दुकानों पर लाइसेंस नवीनीकरण में अनियमितता, अवैध भंडारण, गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन और ओवररेटिंग जैसे मामलों का खुलासा हुआ है।

विक्रेताओं की विरोध में दुकानें बंद

प्रदेश में कई दुकानों को सील कर दिया गया, दर्जनों विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। इनसे आक्रोशित खाद-बीज विक्रेताओं ने विरोध में प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपनी दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी हैं। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना पूर्व सूचना और बिना उचित जांच के प्रतिष्ठानों पर अवैध रूप से कार्रवाई की जा रही है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है।

छापेमारी की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं

राजधानी लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी, झांसी समेत कई जिलों में खाद-बीज विक्रेताओं ने प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपकर छापेमारी की प्रक्रिया को पारदर्शी और पूर्व सूचना के साथ किए जाने की मांग की है। प्रदेश के कई जिलों में व्यापार मंडलों ने मुद्दे पर समर्थन जताया है, सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ खरीफ सीजन की तैयारी में जुटे प्रदेश के लाखों किसान खाद और बीज न मिलने से परेशान हैं।

प्रदेश में किसान भटकने को मजबूर

प्रदेश में धान, मक्का, बाजरा, मूंगफली जैसी फसलों की बुआई का समय चल रहा है, लेकिन दुकानों के बंद होने से किसान भटकने को मजबूर हैं। किसान महंगे दामों में निजी स्रोतों से बीज और खाद आदि खरीदने को विवश हैं। यह स्थिति सरकार के लिए भी दोहरी चुनौती बनती जा रही है। एक ओर गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर किसानों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना भी प्राथमिकता है।

नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कार्रवाई केवल उन दुकानों पर की जा रही है जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। विरोध और असंतोष को देखते हुए कृषि विभाग ने संकेत दिए हैं कि वह व्यापारियों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के लिए तैयार है। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वैध और नियमित रूप से संचालित दुकानों को अनावश्यक परेशान न किया जाए और किसानों को पर्याप्त मात्रा में बीज और खाद उपलब्ध कराया जाए।

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