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Etah News: वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण पर उठे सवाल, अधिकारी 'धन्यवाद' कहकर भागे

Etah News: निरीक्षण के दौरान टीम ने ओपीडी, इमरजेंसी, लैब सहित विभिन्न विभागों का गहन निरीक्षण किया और मरीजों से इलाज संबंधी जानकारी भी ली।

Sunil Mishra
Published on: 24 July 2025 8:57 PM IST
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Etah News: एटा, उत्तर प्रदेश – एटा के जिला मुख्यालय स्थित वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी मेडिकल कॉलेज में बुधवार को शासन द्वारा नामित निरीक्षण टीम पहुंची। उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर मेरठ से डॉ. ज्ञानेश टोन और ग्रेटर नोएडा से डॉ. सौरभ कॉलेज की व्यवस्थाओं की जांच के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान टीम ने ओपीडी, इमरजेंसी, लैब सहित विभिन्न विभागों का गहन निरीक्षण किया और मरीजों से इलाज संबंधी जानकारी भी ली।

निरीक्षण के समय कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रजनी पटेल, सीएमएस सुरेश चंद्रा सहित अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। टीम ने सभी विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और कुछ कमियों को जल्द सुधारने के निर्देश भी दिए। कुल मिलाकर, टीम ने व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया।

हालांकि, सबसे चौंकाने वाला पल तब आया, जब मीडिया ने निरीक्षण के बाद मेरठ से आए डॉ. ज्ञानेश टोन से व्यवस्थाओं पर प्रतिक्रिया मांगी। सवाल सुनते ही उन्होंने सिर्फ "धन्यवाद" कहकर संवाददाताओं से दूरी बना ली और तुरंत वहां से चले गए। उनका इस तरह सवालों से बचना और जवाब न देना जांच की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

निरीक्षण केवल औपचारिकता न रह जाए

जनता और मीडिया की नजर में यह व्यवहार जांच प्रक्रिया की गंभीरता और निष्पक्षता पर संदेह पैदा करता है। जब एक जांच अधिकारी जवाब देने से कतराता है, तो यह संकेत देता है कि या तो कुछ छिपाया जा रहा है या फिर निरीक्षण केवल औपचारिकता बनकर रह गया है। इस घटनाक्रम ने न केवल कॉलेज की व्यवस्थाओं पर, बल्कि शासन द्वारा की जा रही निरीक्षण प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं।

आपको बताते चलें कि एटा के वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज की समय-समय पर शिकायतें होती रहती हैं। कुछ दिन पूर्व तो मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर अंकिता शर्मा ने ही कॉलेज की भ्रष्ट और लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उनका आरोप था कि यहाँ डॉक्टर एक सप्ताह में सिर्फ दो दिन आते हैं, और इस बीच अटेंडेंस रजिस्टर तथा जरूरी कागजात सुरक्षित जगह बंद कर रखे जाते हैं। उन्हें खुद भी प्रतिदिन आने के बावजूद अटेंडेंस रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने यह शिकायत मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को ट्वीट करके की थी, और यह खबर अखबारों की भी सुर्खियों में रही थी।

मेडिकल कॉलेज में दुर्व्यवस्था के खिलाफ हुआ प्रदर्शन

इसके साथ ही, मेडिकल कॉलेज कैंपस की सफाई व्यवस्था और डॉक्टरों द्वारा मरीजों का ठीक से उपचार न करने को लेकर भी किसान यूनियन स्वराज द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था। अग्निशमन यंत्र भी जांच के दौरान ठीक नहीं पाए गए। बीते 11 दिनों में मेडिकल कॉलेज के गेट पर दो महिलाओं के प्रसव हुए।

पूरे क्रम में, डॉक्टरों की ड्यूटी के दौरान मेडिकल कॉलेज में उपस्थित न रहने, समय से न बैठने, और मरीजों से ठीक व्यवहार न करने की समस्या प्रमुख रही है।

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