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UP News : RO/ARO परीक्षा के लिए चाक-चौबंद तैयारी, AI, CCTV और सोशल मीडिया से होगी निगरानी
UP News: आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को पूरी तरह शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध रूप से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई हैं।
UPPSC RO ARO AI monitoring in exam
UP News: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को पूरी तरह शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध रूप से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की गई हैं। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, पेपर लीक या अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकने हेतु प्रौद्योगिकी, गोपनीयता, प्रशासनिक निगरानी और कड़े सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है। इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), CCTV और सोशल मीडिया के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को यह परीक्षा प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आयोजित की जा रही है। यह परीक्षा एक ही पाली में प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित की जाएगी, जिसमें 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी भाग लेंगे। इसके लिए प्रदेशभर में कुल 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय लेंगे।
फूलप्रूफ होगी प्रश्नपत्रों की सुरक्षा
परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने हेतु प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं। परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र का चयन कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन प्रक्रिया से, परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट पूर्व किया जाएगा। सभी प्रश्नपत्र आठ मल्टीपल-जंबल्ड सीरीज में होंगे, जिन पर यूनिक और वैरिएबल बारकोड अंकित होंगे। इन्हें त्रिस्तरीय लॉक वाले गोपनीय ट्रंक बॉक्स में रखा जाएगा, जो पांच-स्तरीय टेम्पर-प्रूफ पैकिंग से सुरक्षित होंगे। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी लाइव CCTV स्ट्रीमिंग के माध्यम से की जाएगी, जिसे केंद्र, जिला एवं आयोग स्तर पर देखा जा सकेगा।
बायोमेट्रिक और फेस रिकग्निशन से होगा प्रवेश
अभ्यर्थियों की पहचान और परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित रखी गई है। केंद्र आवंटन की प्रक्रिया कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से की गई है ताकि किसी प्रकार के पक्षपात की गुंजाइश न रहे। ई-प्रवेश पत्र को वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) आधारित आठ-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ा गया है, जिसमें अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, श्रेणी, हाईस्कूल वर्ष एवं रोल नंबर जैसे महत्वपूर्ण विवरण शामिल हैं।प्रवेश के समय बायोमेट्रिक सत्यापन और फेस रिकग्निशन तकनीक के माध्यम से पहचान सुनिश्चित की जाएगी, जबकि डबल-लेयर फ्रिस्किंग की जिम्मेदारी पुलिस बल और कार्यदायी संस्था साझा रूप से निभाएंगे।
परीक्षा केंद्रों पर रहेगा सख्त पहरा
परीक्षा केंद्रों पर हर कोण से निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट, एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, दो सह-केंद्र व्यवस्थापक एवं प्रशिक्षित अंतरीक्षक तैनात किए जाएंगे। इनमें से 50 प्रतिशत अंतरीक्षक केंद्र व्यवस्थापक द्वारा और शेष 50 प्रतिशत जिलाधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नियुक्त किए जाएंगे। अंतरीक्षकों की ड्यूटी का निर्धारण भी कंप्यूटर रैंडमाइजेशन के माध्यम से किया जाएगा, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित रहे।इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर किसी भी अफवाह, लीक या अनुचित गतिविधि की निगरानी हेतु विशेष सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल गठित की गई है। परीक्षा केंद्रों में किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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