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Fatehpur News: बारिश के बीच अजगर देखने उमड़ी भारी भीड़, समय से मदद न मिलने पर ग्रामीणों ने खुद ही छोड़ा जंगल में
Fatehpur News: आज सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक तालाब में मछली पकड़ने के लिए लगाए गए जाल में करीब 15 फीट लंबा अजगर फंस गया।
Fatehpur News
Fatehpur News: जिले के नगर पंचायत असोथर के वार्ड संख्या 8 स्थित मुराइन मोहल्ले में आज सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक तालाब में मछली पकड़ने के लिए लगाए गए जाल में करीब 15 फीट लंबा अजगर फंस गया।बच्चों को जाल में हलचल महसूस हुई तो उन्होंने समझा कि कोई बड़ी मछली फंसी है, लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद जब जाल बाहर नहीं आया, तो उन्होंने अन्य ग्रामीणों को बुलाया।ग्रामीणों ने जब मिलकर जाल को बाहर निकाला, तो उसमें फंसे विशालकाय अजगर को देखकर सभी चौंक गए। बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अजगर को देखने के लिए मौके पर एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए अजगर को तालाब से निकालकर गांव के बाहर सुरक्षित स्थान पर रखा।
वन विभाग को सूचना देने के बावजूद नहीं मिली मदद
घटना की सूचना तत्काल स्थानीय समाजसेवी द्वारा वन विभाग के दरोगा रामराज को दी गई। उन्होंने शुरुआत में खराब मौसम का हवाला देकर तत्काल मदद करने में असमर्थता जताई और क्षेत्रीय रेंजर से संपर्क करने की बात कही।बाद में बताया गया कि स्नेक कैचर से संपर्क किया जाएगा, लेकिन दोपहर 3 बजे तक कोई भी अधिकारी या विशेषज्ञ मौके पर नहीं पहुंचा। अंततः ग्रामीणों ने ही पहल करते हुए अजगर को पास के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया।
वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीण नाराज़
ग्रामीणों ने वन विभाग के उदासीन रवैए पर गहरा रोष जताया। उनका कहना है कि अगर ऐसी आपात स्थिति में भी विभाग समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो आमजन की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि अवैध लकड़ी कटाई की सूचना देने पर भी विभागीय अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते और कई बार ठेकेदारों से सांठगांठ कर मामले को दबा दिया जाता है। कार्रवाई होती भी है तो केवल खानापूरी तक ही सीमित रहती है।
सरकारी तंत्र पर सवाल
इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली और सरकार की पर्यावरण संरक्षण नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जहां वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सख्त कदमों की बात करती है, वहीं जमीनी स्तर पर विभागीय अमला अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटता नजर आता है।यदि जाल में अजगर की बजाय कोई और जहरीला या आक्रामक जीव फंसा होता, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इस लापरवाही ने एक बार फिर सरकारी तंत्र की हकीकत को उजागर कर दिया है।
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