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Gonda CMO Rashmi Verma पर भ्रष्टाचार और संवेदनहीनता के आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता पंकज पाण्डेय ने करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा किया, सांसद-विधायक निष्क्रिय, स्वास्थ्य विभाग की बदहाली चरम पर।
Gonda CMO Rashmi Verma (image from Social Media)
Gonda : जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। उन पर भ्रष्टाचार, संवेदनहीनता और सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता पंडित पंकज कुमार पाण्डेय ने साक्ष्यों के साथ करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार और सरकारी फंडों की बंदरबांट का खुलासा किया है। लेकिन शासन में उनकी कथित ‘मजबूत पकड़’ के चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सत्ताधारी दल के सांसद और विधायक भी उनकी शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद बेबस नजर आ रहे हैं, क्योंकि शासन स्तर पर इन शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
यह मामला गोण्डा ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की बदहाली को उजागर करता है। पाण्डेय ने दस्तावेजों और वीडियो के जरिए आरोप लगाया कि सीएमओ के कार्यकाल में दवाओं की खरीद में कमीशनबाजी, अवैध नर्सिंग होम्स को संरक्षण और भर्ती में रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है। सितंबर 2025 में एक अवैध नर्सिंग होम में दो नवजातों की मौत के बाद वर्मा का एक वायरल वीडियो ने तूल पकड़ा, जिसमें वे कथित तौर पर संवेदनहीन बयान देती दिखीं। इसने जनता का गुस्सा भड़का दिया। समाजवादी पार्टी और पत्रकारों ने उनकी बर्खास्तगी की मांग की, लेकिन वर्मा ने इसे ‘एडिटेड वीडियो’ करार दिया। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग पहले से ही बदहाली का शिकार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी, दवाओं का अभाव और अवैध क्लीनिकों का जाल आम है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के फंडों का दुरुपयोग भी कोई नई बात नहीं। गोण्डा में सीएमओ की कथित मनमानी इसकी बानगी है। सवाल उठता है कि जब सांसद-विधायक लाचार हैं, तो आम जनता की सुनवाई कौन करेगा? पाण्डेय जैसे कार्यकर्ता सिस्टम से लड़ रहे हैं, लेकिन बिना उच्चस्तरीय जांच, जैसे सीबीआई या ईडी, के सुधार मुश्किल है। जनता का स्वास्थ्य भ्रष्टाचार का शिकार नहीं होना चाहिए। सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
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