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Gonda News: मुहिम रंग लाई: लापता युवक मथुरा में सकुशल मिला, परिवार ने जताया आभार
Gonda News: युवक के मिलने से न सिर्फ परिवार को राहत मिली, बल्कि एक बार फिर सामूहिक प्रयासों की ताकत भी सामने आई है।
लापता युवक मथुरा में सकुशल मिला (photo: social media )
Gonda News: जिले के कर्नलगंज क्षेत्र के गांधीनगर मोहल्ला निवासी 30 वर्षीय ओमप्रकाश तिवारी तीन दिनों तक लापता रहने के बाद मथुरा में सकुशल मिल गए। यह सफलता पत्रकारों, समाजसेवियों और पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों और संवेदनशीलता का नतीजा है। युवक के मिलने से न सिर्फ परिवार को राहत मिली, बल्कि एक बार फिर सामूहिक प्रयासों की ताकत भी सामने आई है।
गायब होने के बाद मची खलबली
20 जून को ओमप्रकाश तिवारी घर से बैंक जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला। लगातार तीन दिन तक मोबाइल बंद रहने और कोई सूचना न मिलने से परिवार चिंतित हो उठा। परिजनों ने रिश्तेदारों और आसपास के इलाकों में काफी खोजबीन की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
गुमशुदगी दर्ज, सोशल मीडिया पर मुहिम
युवक के पिता सिपाहीलाल तिवारी ने कर्नलगंज कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई। इस बीच ओमप्रकाश की पत्नी निशी तिवारी, जो स्वयं एक महिला पत्रकार हैं, ने मीडिया के सहयोग से इस मामले को प्रमुखता से उठाया।
स्थानीय समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया पर ओमप्रकाश की गुमशुदगी की खबर व्यापक रूप से प्रसारित हुई। पत्रकार संगठनों ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की।
समाजसेवियों और पत्रकारों की साझी कोशिश
मीडिया के साथ-साथ समाजसेवियों ने भी इस खोज अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। ओमप्रकाश की तस्वीर और विवरण सोशल मीडिया पर तेजी से फैले, जिससे उनकी लोकेशन मथुरा में ट्रेस की जा सकी।
मथुरा में मिले सकुशल ओमप्रकाश
पुलिस से मिली सूचना के आधार पर निशी तिवारी अपने परिजनों के साथ मथुरा पहुंचीं, जहां सोमवार को उनकी मुलाकात ओमप्रकाश से हुई। युवक पूरी तरह सुरक्षित और मानसिक रूप से स्वस्थ पाए गए।
परिजनों ने जताया सभी का आभार
ओमप्रकाश के सकुशल मिलने के बाद उनके परिजनों, विशेषकर पत्नी निशी तिवारी ने पुलिस, पत्रकारों, समाजसेवियों और शुभचिंतकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि यदि मीडिया और समाज का सहयोग न मिला होता, तो परिणाम शायद अलग होता।
साझे प्रयासों की मिसाल
यह मामला न केवल एक लापता युवक के मिलने की कहानी है, बल्कि इसने पत्रकारिता, पुलिस और समाज के मिलेजुले प्रयास की ताकत को भी दर्शाया है। यह घटना बताती है कि जब सभी पक्ष एकजुट होकर किसी नेक कार्य के लिए खड़े होते हैं, तो असंभव भी संभव हो सकता है।
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