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डीडीयू से संबंद्ध 17 महाविद्यालयों ने नहीं अपलोड किया आंतरिक मूल्यांकन का अंक, नाराज हुईं कुलपति
DDU Gorakhpur: तिथियां कई बार विस्तारित करने के बावजूद संबंधित महाविद्यालयों द्वारा लापरवाही बरती गई।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्रबंधकों की बैठक छात्रहित में समय से परीक्षा परिणाम घोषित करने के संबंध में कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कड़े निर्देश दिये हैं। कुलपति के बार-बार की फटकार के बाद भी डीडीयू से संबंद्ध 17 महाविद्यालयों ने आंतरिक मूल्यांकन का अंक अपलोड किया है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन की अध्यक्षता में बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्रबंधकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन महाविद्यालयों पर विशेष चर्चा हुई जिन्होंने निर्धारित समय-सीमा के भीतर आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) के अंक विश्वविद्यालय पोर्टल पर अपलोड नहीं किए। उल्लेखनीय है कि इन महाविद्यालयों को मार्च 2025 में मूल्यांकन कार्य पूर्ण कर अंक अपलोड करने थे। तिथियां कई बार विस्तारित करने के बावजूद संबंधित महाविद्यालयों द्वारा लापरवाही बरती गई, जिसके चलते विश्वविद्यालय को बिना इन अंकों के अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित करने पड़े। वर्तमान में भी 17 महाविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने आंतरिक मूल्यांकन के अंक नहीं अपलोड किए हैं।
इंटर्नशिप तथा प्रोजेक्ट वर्क का मूल्यांकन तय समय में करें
बैठक में परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित महाविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं पर भी विचार-विमर्श किया गया तथा कुलपति प्रो. टंडन ने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय स्तर पर आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। कुलपति ने सभी महाविद्यालयों एवं विभागों को निर्देशित किया कि वे इंटर्नशिप तथा प्रोजेक्ट वर्क का मूल्यांकन कार्य नियत समय में अनिवार्य रूप से पूर्ण करें, ताकि परीक्षा परिणामों की समयबद्ध घोषणा सुनिश्चित की जा सके।
परीक्षा फार्म भरते समय हुईं गलतियां
इसके अतिरिक्त बैठक में यह भी पाया गया कि कुछ महाविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों के परीक्षा फॉर्म भरते समय विषय चयन में गंभीर त्रुटियां की गईं। विश्वविद्यालय द्वारा सुधार के लिए कई अवसर प्रदान किए जाने के बावजूद न तो विषयों में सुधार किया गया और न ही विद्यार्थियों को सही विषयों की परीक्षा दिलाई गई। विश्वविद्यालय ने इस लापरवाही को अत्यंत गंभीरता से लिया है तथा संबंधित महाविद्यालयों को भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियों से बचने की सख्त चेतावनी दी है। बैठक में यह भी स्पष्ट हुआ कि बार-बार सूचना देने के बावजूद दो महाविद्यालयों ने बैठक में भाग नहीं लिया। इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर कुलपति ने गंभीर नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि इन महाविद्यालयों के परीक्षा परिणामों की घोषणा तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए।
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