Gorakhpur News: मुख्यमंत्री ने जिसे नियुक्ति पत्र दिया, वह निकला ‘दागी’, अब अफसरों की फंसी गर्दन

Gorakhpur News: गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों नियुक्त पत्र पाने वाला वन रक्षक उम्मीदवार दागी निकला। चरित्र सत्यापन के दौरान पता चला कि उस पर क्रिकेट विवाद में मारपीट का केस दर्ज है।

Purnima Srivastava
Published on: 14 Oct 2025 7:07 AM IST
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री ने जिसे नियुक्ति पत्र दिया, वह निकला ‘दागी’, अब अफसरों की फंसी गर्दन
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Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों वन रक्षक एवं वन्य जीव रक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा-2019 के बाद वन रक्षक के पद पर गोरखपुर के जंगल कौड़िया के युवक को नियुक्ति पत्र दिया था। अफसरों ने बिना जांच किए ही मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र दिलावा दिया। अब नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई तो पता चल रहा है कि युवक पर क्रिकेट मैच के दौरान मारपीट का मुकदमा दर्ज है। ऐसे में न सिर्फ नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है, वहीं बिना जांच के मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र दिलाने वाले अफसरों की गर्दन फंसती दिख रही है।

वर्ष 2019 में वन विभाग में लोक सेवा आयोग के जरिए रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन निकाला गया था। इस परीक्षा में जंगल कौड़िया ब्लॉक के एक गांव का युवक भी शामिल हुआ और उसने परीक्षा पास कर ली। उसका चयन होने के बाद लखनऊ में एक कार्यक्रम में खुद सीएम हाथों नियुक्ति पत्र मिला था। नियुक्ति पत्र के बाद विभाग ने उसके चरित्र सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की तो पता चला कि उसके ऊपर क्रिकेट खेलने के विवाद के दौरान एक केस दर्ज है। जिसमें आरोप पत्र भी दाखिल है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब नियुक्ति पत्र दिलवाते समय अंजान रहे अफसर डीएम से लगायत लखनऊ मुख्यालय तक पत्राचार कर ज्वानिंग का प्रावधान पूछ रहे हैं। पांच अक्तूबर को एक बार फिर डीएफओ की ओर से मुख्य वन संरक्षक को पत्र भेजा गया है। वन विभाग की ओर से डीएम को अनुरोध पत्र भेजकर संबंधित अभ्यर्थी के संबंध में पूरा ब्योरा मांगा गया।

पीपीगंज थाने में दर्ज है मुकदमा

पता चला कि 6 मई 2021 थाना पीपीगंज में दर्ज केस में 8 जून 2021 को न्यायालय में आरोप-पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। छह आरोपितों पर दाखिल आरोप पत्र में अभ्यर्थी का नाम भी शामिल हैं। विधिक जानकारों का कहना है कि सामान्य अथवा हल्के अपराधों के मामलों में अधिकांश विभाग ऐसे उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करते हैं। लेकिन, यदि उम्मीदवार ने यह जानकारी छिपाई है या गलत विवरण दिया है, तो नियुक्ति रद्द की जा सकती है।

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