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World Mosquito Day 2025: मच्छर-माफिया से मुक्त है गोरखपुर तो बीआरडी में कैसे आ गए डेंगू के 249 मामले?
World Mosquito Day 2025: गोरखपुर जिले में डेंगू के इलाज का सबसे बड़ा केन्द्र गोरखनाथ चिकित्सालय है। यहां रोजाना ओपीडी में 7 से 10 मरीज ऐसे जरूर मिल रहे हैं।
World Mosquito Day 2025
World Mosquito Day 2025: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमतौर पर अपने संबोधन में कहते हैं कि गोरखपुर में मच्छर और माफिया से मुक्त किया। माफिया को लेकर दावे भले ही कुछ हद तक ठीक हो लेकिन मच्छर के मामले में दावे हवाई दिख रहे हैं। मच्छर जनित रोगों के आकड़े मच्छरों के आतंक से मुक्ति के दावों को झुठलाते हुए प्रतीत होते हैं। सिर्फ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में ही अब तक डेंगू के 249 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से जून से लेकर अगस्त तक गोरखपुर में 41 मामले सामने आए हैं। जबकि जनवरी से अब तक जिले में डेंगू के 74 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले वर्ष जिले में डेंगू के 172 मामले सामने आए थे।
गोरखपुर जिले में डेंगू के इलाज का सबसे बड़ा केन्द्र गोरखनाथ चिकित्सालय है। यहां रोजाना ओपीडी में 7 से 10 मरीज ऐसे जरूर मिल रहे हैं। जिनमें डेंगू के लक्षण मिले हो। इनमें गोरखपुर मंडल के अलावा बिहार के मरीज भी शामिल हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि डेंगू का मच्छर दिन में हीं नहीं हर समय काट रहे हैं। डेंगू पीड़ितों में व्यस्क पुरुषों की संख्या सर्वाधिक है। ऐसा हो सकता है कि एडीज मच्छर ने काटने का पैटर्न बदला हो। शाम या रात के समय भी मच्छर काट रहे हों।
जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिले में इस वर्ष अब तक डेंगू के 74 केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा मलेरिया के भी 11 मामले मिले हैं। जापानी इंसेफेलाइटिस(जेई) के दो और एईएस के 16 मामले मिल चुके हैं। फाइलेरिया के भी मामले सामने आ रहे हैं। जिला मलेरिया नियंत्रण अधिकारी ने बताया कि मलेरिया और डेंगू पर नियंत्रण के लिए अभियान चल रहा है। पिछले वर्षों में जिस क्षेत्र में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। वहां सफाई कराने के साथ ही एंटी लार्वल का छिड़काव भी कराया जा रहा है।
डेंगू के ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव
चिकित्सकों के मुताबिक, अचानक तेज सिर दर्द या बुखार होना, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना व उल्टी होना, नाक, मुंह व मसूढ़ों से खून आना, शरीर पर चकत्ते होना डेंगू के लक्षण हैं। चिकित्सक बचाव को लेकर बताते हैं कि घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, घर में पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढंक कर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखाकर ही उपयोग में लाएं, ऐसे कपड़े पहनें, जिनसे शरीर पूरी तरह ढंका रहे, मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें।
मच्छरों से बचाव पर हर महीने 100 करोड़ का खर्च
मलेरिया, डेंगू फैलाने वाले मच्छर बजट बिगाड़ने में भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। गोरखपुर के लोग चार साल में मच्छरों से निपटने के लिए 40 फीसदी तक अधिक खर्च करने लगे हैं। इस वजह से बचाव के तौर-तरीकों का हर महीने कारोबार सौ करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। घर, ऑफिस, दुकान या फिर कारखाना, कहीं भी इन सामग्री के बगैर काम करना मुश्किल है। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का प्रकोप तेजी से बढ़ा तो तो लोगों ने बचाव के तरीके अपनाने शुरू कर दिए। मौजूदा स्थिति में मच्छर और इनके खिलाफ छेड़ी जंग में मच्छरदानी, क्वाइल, लिक्विड, और स्प्रे सशक्त हथियार हैं। कारोबारियों के मुताबिक मच्छरों से बचाव के तौर-तरीकों के रूप में सबसे बेहतर व आसान उपाय लिक्विड उत्पाद हैं। पॅाश इलाकों में पेस्ट कंट्रोल करने वाली कंपनियों के लिए भी यह मुनाफे का धंधा बन चुका है।
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